सौम्या शर्मा एक ऐसा नाम है जो भारतीय सिविल सेवाओं में प्रेरणा का स्रोत बन चुका है। उन्होंने उन बाधाओं को पार किया जो कई लोगों को हतोत्साहित कर देतीं, और अपने पहले प्रयास में ही यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) परीक्षा पास की। 2018 में, उन्होंने आल इंडिया रैंक (AIR) 9 हासिल कर अपनी अद्वितीय योग्यता का प्रदर्शन किया।
चुनौतियों से कभी हार न मानने वाली
सौम्या की सफलता को और भी खास बनाता है उनका सफर। 16 साल की उम्र से ही वे सुनने में असमर्थ हैं, लेकिन इस कठिनाई ने उनके इरादों को कमजोर नहीं किया। जहां कई उम्मीदवार इस तरह की चुनौती से हार मान सकते थे, वहीं सौम्या का दृढ़ निश्चय कायम रहा।
शिक्षा और तैयारी: केवल 4 महीनों में UPSC की तैयारी
शुरुआत से ही सौम्या ने अपनी शैक्षणिक क्षमता का प्रदर्शन किया, जिसने उन्हें प्रतिष्ठित नेशनल लॉ स्कूल में स्थान दिलाया। 2017 में उन्होंने सिविल सेवाओं में आने का सपना देखा और देश की सेवा करने का फैसला किया। मात्र चार महीनों की तैयारी के बावजूद, सौम्या ने पूरे समर्पण के साथ UPSC परीक्षा की तैयारी की।
विशेष सुविधाओं का परित्याग: मेरिट का सम्मान
सौम्या की सफलता को और भी खास बनाता है उनका यह फैसला कि उन्होंने दिव्यांगजन के लिए विशेष सुविधाओं का उपयोग नहीं किया। जनरल कैटेगरी में मुकाबला करने का निर्णय लेकर उन्होंने मेरिटोकैसी सिस्टम के प्रति अपनी निष्ठा को दर्शाया।
संघर्षों के बावजूद अटूट निश्चय
सफलता की राह में सौम्या को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। मुख्य परीक्षा के दौरान गंभीर बीमारी से जूझते हुए भी सौम्या ने हार नहीं मानी। बुखार और बीमारी के बावजूद उन्होंने UPSC की परीक्षा दी, और अद्वितीय धैर्य का परिचय दिया।
नागपुर ज़िला परिषद की CEO: समाज सेवा के प्रति समर्पण
आज सौम्या शर्मा महाराष्ट्र कैडर में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की अधिकारी हैं। वर्तमान में वे नागपुर ज़िला परिषद की CEO के रूप में कार्यरत हैं, जो उनके समाज सेवा के प्रति समर्पण का और भी बड़ा प्रमाण है। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर भी उनकी बड़ी संख्या में फॉलोअर्स हैं—Instagram पर उनके 250K से अधिक फॉलोअर्स हैं।
सपनों का साथ: IPS अधिकारी आर्चित चंडक से विवाह
सौम्या की कहानी को और भी प्रेरणादायक बनाता है उनका विवाह, जो IPS अधिकारी आर्चित चंडक से हुआ है। आर्चित वर्तमान में नागपुर में डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस के पद पर कार्यरत हैं।