सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल के इस बयान को रिकॉर्ड में लिया कि केंद्र सात दिनों के भीतर जवाब देगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि काउंसिल और बोर्ड को कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल ने आश्वासन दिया कि अगली सुनवाई की तारीख तक वक्फ, जिसमें पहले से पंजीकृत या अधिसूचना के माध्यम से घोषित वक्फ शामिल हैं, उनको न तो डीनोटिफाई किया जाएगा और न ही कलेक्टर को बदला जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र को सात दिनों के भीतर जवाब दाखिल करना चाहिए।
रोक नहीं लगाई
एडवोकेट बरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने रोक नहीं लगाई है। भारत के सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि नए संशोधन अधिनियम के तहत परिषद या बोर्ड में कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में लिखा है कि सरकार अगली तारीख तक उन संपत्तियों को डी-नोटिफाई नहीं करेगी जो रजिस्टर्ड और गजटेड हैं। हालांकि, सरकार अन्य संपत्तियों पर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। केंद्र ने कोर्ट से कहा कि आप संसद द्वारा पारित कानून पर रोक नहीं लगा सकते और केंद्र रोजाना सुनवाई के लिए तैयार है। इस मुद्दे को 5 मई के लिए सूचीबद्ध किया गया है, और उसी दिन सुनवाई शुरू होगी।
हम इस एक्ट को असंवैधानिक मानते हैं
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम इस एक्ट को असंवैधानिक मानते हैं। कोर्ट ने कहा है कि सेंट्रल वक्फ काउंसिल और स्टेट वक्फ काउंसिल का गठन नहीं किया जाएगा और वक्फ बाय यूजर को हटाया नहीं जा सकता। जेपीसी की चर्चा के दौरान मैंने सरकार द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों का विरोध करते हुए एक रिपोर्ट दी थी और बिल पर बहस के दौरान मैंने बिल को असंवैधानिक बताया था। इस एक्ट के खिलाफ हमारी कानूनी लड़ाई जारी रहेगी। वहीं आप नेता अमानतुल्लाह खान ने वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को लेकर कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि राहत मिलेगी।