पिछले वर्ष हरियाणा विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के छह महीने से भी कम समय में सत्तारूढ़ बीजेपी ने राज्य में फिर से डंका बजा दिया है। बीजेपी ने हरियाणा नगर निकाय चुनावों में प्रचंड जीत हासल करते हुए 10 में से 9 महापौर पदों पर कब्जा जमा लिया है। पिछले नगर निगम में 7 में बीजेपी के महापौर थे। वहीं कांग्रेस इन चुनावों में अपना खाता भी नहीं खोल सकी है।
हुड्डा का गढ़ भी हारी कांग्रेस
कांग्रेस को सोनीपत और रोहतक में भी हार का सामना करना पड़ा। यहां पहले कांग्रेस के महापौर थे। रोहतक को पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा का गढ़ माना जाता है। रोहतक में बीजेपी के राम अवतार ने कांग्रेस के सूरजमल किलोई को 45,198 वोटों के अंतर से हराया।
सीएम बोले-लोगों ने लगाई मुहर
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि लोगों ने बीजेपी सरकार के कार्यों और नीतियों पर अपनी मुहर लगाई है और ‘ट्रिपल-इंजन’ सरकार का गठन किया है। अब ‘विकसित हरियाणा-विकसित भारत’ के संकल्प को साकार करने के लिए तेज गति से काम किया जाएगा। बीजेपी के उम्मीदवारों ने अंबाला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, करनाल, रोहतक, सोनीपत, यमुनानगर और पानीपत में कांग्रेस को हराया हे। मानेसर में पहली बार नगर निगम चुनाव हुआ और वहां निर्दलीय उम्मीदवार इंद्रजीत यादव ने अपने बीजेपी उम्मीदवार सुंदरलाल को 2,293 मतों के अंतर से हराया।
कांग्रेस की अंदरूनी कलह पड़ी भारी
निकाय चुनावों में कांग्रेस को तगड़ा झटका मिला है। पार्टी की प्रदेश इकाई को पूर्व में भी अंदरूनी कलह और गुटबाजी का सामना करना पड़ा है, जबकि बीजेनी के पास जमीनी स्तर पर एक सुव्यवस्थित और मजबूत संगठनात्मक ढांचा है।