सभी को 22 जनवरी के दिन का बेसब्री से इंतजार था। जिस बात के कयास थे कि भाजपा और आरएसएस इस आयोजन को भव्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी, ठीक हुआ भी वैसा ही। देशभर के फिल्मी सितारे, क्रिकेटर, उद्योगपति, साधु-संत, पूर्व अधिकारी और नेताओं के जमघट से यह आयोजन दिव्य-भव्य हो गया। भाजपा और आरएसएस ने देशभर में दीवाली मनवाई, दीये जलवाए और जन-जन को इस आयोजन से जोड़ दिया। अब सवाल यह है कि इसके आगे क्या होगा। राजनीतिक पंडितों की मानें तो यह पूरी कवायद लोकसभा चुनाव में भाजपा के काम आने वाली है। भाजपा 2024 की जंग को राममंदिर, विकास और विरासत के बूते फतह करने के इरादे से उतरेगी। खास बात यह है कि विपक्ष के पास इसकी कोई काट भी नहीं है। विपक्षी दलों ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह में न जाकर एक तरह से भाजपा को चुनावी हथियार थमा दिया है।
राममय कर दिया पूरा हिंदुस्तान.. अब फायदा उठाने की बारी
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी ने दक्षिण के उन तमाम मंदिरों का भी दौरा किया, जहां से राम का नाता रहा है। इस तरह उन्होंने पूरे भारत की एकता और राम से नाता याद दिलाया। भाजपा इसे विरासत को पुनर्जीवित करने के प्रयासों और देश में नई भावना का उदय का दावा कर आमजन को जोड़ रही है। नए संसद भवन की स्थापना और अनुच्छेद 370 को हटाने जैसे फैसले को भी इसी की कड़ी रहे हैं। काशी विश्वनाथ कारीडोर, महाकाल महालोक और कई मंदिरों का कायाकल्प हिंदुओं को भा रहा है। ऐसे में भाजपा प्रयास करेगी कि वह तीसरी बार हैट्रिक लगाकर विपक्ष की धार को कुुंद कर दे।
2024 का चुनाव फतह करने भाजपा तैयार.. राममंदिर, विकास और विरासत होंगे हथियार
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