उत्तराखंड में राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) के तहत अहम फैसला हुआ है। राज्य सरकार ने मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों के प्रशासकीय और वित्तीय अधिकार बढ़ा दिए हैं। मंडलायुक्त 5 करोड़ रुपये तक और डीएम एक करोड़ तक की योजनाओं को मंजूर कर सकेंगे। राज्य सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में हुई राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में यह निर्णय हुआ। मंडलायुक्त और डीएम के वित्तीय व प्रशासकीय अधिकार बढऩे से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण के कार्यों में तेजी आएगी। एसडीआरएफ व राज्य आपदा न्यूनीकरण के तहत विभागों के 287.48 करोड़ के प्रस्तावों पर मुहर लगी।
95 करोड़ के प्रस्ताव को अनुमोदन
मुख्य सचिव ने नैनीताल के हल्द्वानी के गौलापार में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय खेल परिसर की सुरक्षा के लिए और बाढ़ सुरक्षा कार्यों के निर्णय के संबंध में तत्काल बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। पेयजल निगम, पीएमजीएसवाई, लोक निर्माण विभाग व यूपीसीएल को एसडीआरएफ से वित्तीय वर्ष 2024-25 में आपदा से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण के लिए 95 करोड़ की धनराशि आवंटित करने के प्रस्ताव को अनुमोदन दिया है।
बाढ़-भूस्खलन से बचाव के लिए कार्यों को मंजूरी
प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन से बचाव के लिए कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक में देहरादून के सहस्त्रधारा मोटर मार्ग के 4 किमी स्पान स्टील पुल बनाने, उत्तरकाशी के नौगांव-सुनारा-कोटियालगांव मोटर मार्ग के 5 किमी में क्षतिग्रस्त प्रतिधारक दीवार का सुरक्षात्मक कार्य करने, नौगांव के पत्थरगाड-नंदगांव मोटर मार्ग के एक किमी सुरक्षात्मक कार्य करने, एसडीएमएफ के तहत पौंटी-मोल्डा मोटर मार्ग के 2 किमी में सुरक्षात्मक कार्य करने, भीमताल में अमृतपुर स्थित डहरा पुल का सुरक्षात्मक कार्य, नैनीताल बाइपास मोटर मार्ग में ड्रेनेज सुधारीकरण, नंदप्रयाग-घाट-सुतोल केनाल मोटर मार्ग का सुरक्षात्मक कार्य, केदारनाथ धाम पैदल यात्रा मार्ग, छोटी लिंचोली, कुबेर ग्लेशियर, छानी कैंप में हुए भूस्खलन व बादल फटने से प्रभावित पैदल मार्ग के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।