पश्चिम एशिया में इज़रायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, पाकिस्तान ने खुलकर ईरान का समर्थन करने का ऐलान किया है। पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने आज एक आपातकालीन प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुस्लिम देशों से एकजुट होने और आक्रामकता के खिलाफ खड़े होने का आह्वान किया। शहबाज शरीफ ने इज़रायल के खिलाफ तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “इज़रायल द्वारा लगातार की जा रही उकसावे की कार्रवाई और फिलिस्तीनी लोगों पर हो रहे अत्याचार अस्वीकार्य हैं। अब समय आ गया है कि मुस्लिम वर्ल्ड एक हो जाए और इस ज़ुल्म के खिलाफ आवाज़ उठाए।” उन्होंने ईरान पर हुए कथित इज़रायली हमलों की कड़ी निंदा की और ईरान के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया।
पाकिस्तान, ईरान के साथ संपर्क में है
शरीफ ने कहा, “पाकिस्तान अपने ईरानी भाइयों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। हम किसी भी ऐसे कृत्य की निंदा करते हैं जो क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को भंग करता है।” उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान, ईरान के साथ राजनयिक और सैन्य स्तर पर संपर्क में है और स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहा है। शरीफ ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से भी अपील की कि वे इज़रायल पर संयम बरतने और तनाव कम करने के लिए दबाव डालें। उन्होंने आगाह किया कि यदि यह संघर्ष और बढ़ता है, तो इसके पूरे पश्चिम एशिया और उससे आगे भी विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।
भू-राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव
पाकिस्तान के इस खुले समर्थन को पश्चिम एशिया की भू-राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। पाकिस्तान, जो पारंपरिक रूप से सऊदी अरब के साथ मजबूत संबंध रखता है, ने इस मुद्दे पर ईरान का स्पष्ट रूप से पक्ष लिया है। यह कदम मुस्लिम देशों के बीच एकजुटता दिखाने का एक प्रयास हो सकता है, लेकिन इससे क्षेत्र में ध्रुवीकरण और बढ़ने की भी आशंका है। अंतर्राष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान का यह कदम क्षेत्र में भारत-पाकिस्तान संबंधों पर भी अप्रत्यक्ष प्रभाव डाल सकता है।