सऊदी अरब और परमाणु शक्ति संपन्न पाकिस्तान के बीच हालिया रक्षा समझौते के बाद, अब इस गठबंधन में ईरान के शामिल होने की चर्चा शुरू हो गई है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के वरिष्ठ सलाहकार, मेजर जनरल याह्या रहीम सफवी, ने इसकी जोरदार वकालत की है।
ईरानी जनरल ने की क्षेत्रीय इस्लामिक गठबंधन की बात
ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड (IRGC) के जनरल और सुप्रीम लीडर खामेनेई के करीबी सहयोगी सफवी ने कहा है कि तेहरान को भी इस रक्षा समझौते में शामिल होना चाहिए। ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, जनरल सफवी ने सुझाव दिया कि ईरान, सऊदी अरब, पाकिस्तान और इराक मिलकर एक सामूहिक रक्षा समझौते पर पहुँच सकते हैं।
सफवी ने इस समझौते को एक “सकारात्मक घटनाक्रम” बताया और कहा कि यह क्षेत्र में सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिका का प्रभाव घट रहा है और वह अपना ध्यान एशिया-प्रशांत क्षेत्र पर केंद्रित कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में “हम एक क्षेत्रीय इस्लामिक गठबंधन स्थापित कर सकते हैं।”
पाकिस्तान-सऊदी का ऐतिहासिक समझौता
पाकिस्तान और सऊदी अरब ने 17 सितंबर 2025 को एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के तहत, किसी भी देश पर हमले को दोनों के खिलाफ आक्रमण माना जाएगा। यह समझौता कतर पर इजरायल के हमलों के बाद हुआ, जिसने खाड़ी देशों में सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया था।
इस समझौते को सऊदी अरब को पाकिस्तान की परमाणु छतरी के नीचे लाने वाला माना जा रहा है। हालांकि, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पहले पाकिस्तानी न्यूज चैनल पर रियाद को परमाणु क्षमताएं उपलब्ध कराने की बात कही थी, लेकिन बाद में एक इंटरव्यू में उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान रक्षा समझौते के तहत अपने परमाणु हथियार सऊदी अरब को नहीं दे रहा है।