चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड को 4 विकेट से शिकस्त देकर 12 साल बाद ये ट्रॉफी अपने नाम की। 252 रनों का टारगेट चेज करने उतरी भारतीय टीम को कप्तान रोहित शर्मा ने तूफानी शुरुआत दी थी। रोहित शर्मा की अप्रोच में अब बदलाव आया है। वह पावरप्ले में निडर होकर बल्लेबाजी करते हैं। इससे विपक्षी गेंदबाजी आक्रमण को दबाव में डाल देते हैं, जिससे भारतीय बल्लेबाजी क्रम के बाकी खिलाड़ी अधिक स्वतंत्रता के साथ खेल सकें। रोहित ने चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद स्टार स्पोट्र्स से कहा कि यह कभी आसान नहीं होने वाला था। हर किसी का खेलने का अपना अलग अंदाज होता है। हमने पिछले एक दशक में इंटरनेशनल क्रिकेट में बहुत सफलता हासिल की है। इन सबको नजरअंदाज करना मुश्किल है।
मिडिल और लोअर ऑर्डर ने आत्मविश्वास दिया
रोहित ने कहा कि एक कप्तान के तौर पर मैं इस बात पर ज्यादा ध्यान देना चाहता था कि हम कैसे मैच और ट्रॉफी जीत सकते हैं। इसलिए मुझे व्यक्तिगत उपलब्धियों को किनारे रखना पड़ता है। मैं शतक और 150 रन नहीं बनाना चाहता, बल्कि ट्रॉफी जीतना चाहता हूं। हमारे मिडिल ऑर्डर और लोअर ऑर्डर ने मुझे बहुत आत्मविश्वास दिया है। अगर मेरे नीचे खेलने वाले बल्लेबाज मुझे वह आत्मविश्वास नहीं देते, तो मैं इस तरह नहीं खेल पाऊंगा। रोहित ने कहा कि हमारे बल्लेबाजी क्रम के अनुभव को देखें तो नंबर 3 से नंबर 8 तक हमारे पास बहुत अनुभव है।
पूरी प्लॉनिंग से खेल रहा
रोहित ने बताया कि ऐसा नहीं था कि मैं एक दिन अचानक उठा और मैंने अपना बल्ला घुमाना शुरू कर दिया। इसके पीछे एक प्लानिंग थी और हमें पावरप्ले का यूज करने की जरूरत थी। गिल का अपना अलग अंदाज है। हमने एक-दूसरे का अच्छा साथ दिया। एक बल्लेबाज ग्राउंड शॉट लगा रहा तो दूसरा हवाई फायर कर रहा। इससे विपक्षी गेंदबाजों को दो बार सोचना पड़ता है।