मध्य प्रदेश के छोटे से शहर बुरहानपुर के माजिद हुसैन ने जेईई एडवांस्ड 2025 में अखिल भारतीय स्तर पर तीसरी रैंक हासिल कर न केवल अपने माता-पिता बल्कि पूरे राज्य का नाम रोशन किया है। यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि माजिद ने अपनी तैयारी के दौरान मोबाइल फोन और सोशल मीडिया से पूरी तरह दूरी बनाए रखी, जिसे वे अपनी सफलता का एक प्रमुख कारण मानते हैं। माजिद ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बुरहानपुर से ही प्राप्त की और बाद में इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोटा चले गए। उन्होंने बताया कि कोटा में रहते हुए उन्होंने खुद पर एक सख्त नियम लागू किया था – “मोबाइल से दूर, किताबों के पास। वे कहते हैं कि आजकल मोबाइल फोन पढ़ाई में सबसे बड़ा डिस्ट्रैक्शन है। मैंने फैसला किया था कि मैं अपने लक्ष्य को हासिल करने तक इससे दूर रहूंगा। मैंने सिर्फ अपने माता-पिता और शिक्षकों से संपर्क के लिए एक बेसिक फोन रखा था।
रोजाना 10-12 घंटे पढ़ाई करते थे
माजिद रोजाना 10-12 घंटे पढ़ाई करते थे और वे हर विषय को गहराई से समझने पर जोर देते थे। उन्होंने बताया कि वे केवल कोचिंग नोट्स पर निर्भर नहीं रहे, बल्कि उन्होंने विभिन्न संदर्भ पुस्तकों का भी अध्ययन किया। मैंने हर कॉन्सेप्ट को क्लियर करने की कोशिश की और नियमित रूप से मॉक टेस्ट दिए। मॉक टेस्ट से मुझे अपनी कमजोरियों का पता चलता था और मैं उन पर काम कर पाता था। उनके पिता एक छोटे व्यवसायी हैं और मां गृहिणी हैं। उन्होंने माजिद की सफलता पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि उन्हें माजिद पर गर्व है और उन्होंने हमेशा उसे अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया।
छोटे शहरों से निकलकर भी बड़े सपने पूरे किए
माजिद हुसैन अब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मुंबई में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लेने की योजना बना रहे हैं। उनकी सफलता उन लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा है जो कठिन परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। माजिद का यह उदाहरण बताता है कि अगर आप दृढ़ संकल्पित हैं और सही रणनीति के साथ आगे बढ़ते हैं, तो छोटे शहरों से निकलकर भी बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं, और डिजिटल विकर्षणों से दूर रहना इसमें अहम भूमिका निभा सकता है।