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    माँ को खोने के बाद भी नहीं हारी हिम्मत, दूसरी कोशिश में IAS बनीं अंकिता चौधरी

    IAS अंकिता चौधरी की सफलता की कहानी संघर्ष, दृढ़ संकल्प और भावनात्मक मजबूती की मिसाल है। हरियाणा के रोहतक जिले के मेहम की रहने वाली अंकिता ने अपने दूसरे प्रयास में UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2018 में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 14 हासिल कर अपना और अपने परिवार का सपना पूरा किया। अंकिता चौधरी वर्तमान में गुरुग्राम नगर निगम की अतिरिक्त आयुक्त के रूप में कार्यरत हैं।


    शिक्षा और शुरुआती तैयारी

    एक सरल और मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाली अंकिता के पिता सत्यवान एक चीनी मिल में अकाउंटेंट हैं। अंकिता ने अपनी शुरुआती पढ़ाई रोहतक के इंडस पब्लिक स्कूल से पूरी की।

    • ग्रेजुएशन: उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से केमिस्ट्री में स्नातक की डिग्री ली।
    • पोस्ट-ग्रेजुएशन: इसके बाद उन्होंने आईआईटी दिल्ली से मास्टर्स की डिग्री हासिल की।

    आईआईटी दिल्ली में रहते हुए ही उन्होंने आईएएस बनने का सपना देखा और उसी दौरान यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी।


    व्यक्तिगत त्रासदी और बड़ा संघर्ष

    अंकिता का यूपीएससी का सफर आसान नहीं था। उन्होंने साल 2017 में अपना पहला प्रयास किया, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। वह अपनी गलतियों का विश्लेषण कर दूसरे प्रयास की तैयारी में जुटी थीं, तभी उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।

    तैयारी के दौरान ही एक सड़क हादसे में उनकी माँ का निधन हो गया। इस भावनात्मक रूप से भयंकर नुकसान ने अंकिता को पूरी तरह से तोड़ दिया। इस मुश्किल समय में, उनके पिता सत्यवान एक चट्टान की तरह उनके साथ खड़े रहे और लगातार उनका हौसला बढ़ाते रहे।


    संकल्प और शानदार सफलता

    माँ को खोने के बावजूद, अंकिता ने उनकी इच्छा को अपनी ताकत बनाया। पिता के प्रोत्साहन और अपने मजबूत इरादे से उन्होंने फिर से दोगुनी मेहनत और समर्पण के साथ तैयारी शुरू की। अपनी कमियों को पहचानकर और एक मजबूत रणनीति बनाकर, अंकिता ने 2018 में यूपीएससी परीक्षा दी।

    उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 14 हासिल करके अपने सपनों को साकार किया। अंकिता चौधरी आज उन सभी युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा हैं, जो जीवन की सबसे बड़ी मुश्किलों का सामना करते हुए भी अपने लक्ष्य से भटकते नहीं हैं। वह उम्मीदवारों को मानसिक रूप से मजबूत रहने और असफलता से सीखने की सलाह देती हैं।

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