लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में संविधान पर चर्चा करते हुए महाभारत की कहानी सुनाई। उन्होंने कहा कि एक बच्चा था, जो सुबह उठकर अभ्यास करता था। एक दिन वह अपने गुरु द्रौणाचार्य के पास गया तो उन्होंने एकलव्य से पूछा कि तुमने यह कहां से सीखा। तो बालक एकलव्य ने कहा कि आपसे से ही सीखा है। तब द्रौणाचार्य ने कहा कि मैं नीची जाति के बालकों को नहीं सिखाता। राहुल के इस भाषण के दौरान सत्ता पक्ष ने हंगामा किया। स्पीकर ओम बिरला ने भी उनकी इस कहानी पर आपत्ति जताई। सत्ता पक्ष के सांसदों ने आपत्ति जताई और कहा कि द्रौणाचार्य ने अंगूठा नहीं काटा था।
अंगूठे के बहाने अडानी और बेरोजगारी का जिक्र
राहुल ने कहा कि आज के युवाओं का अंगूठा आपने काट दिया है। देश के करोड़ों नौजवान सुबह उठते हैं, अभ्यास करते हैं, लेकिन आपने उनका अंगूठा काट दिया और हालात यह हैं कि उनके पास कोई काम नहीं है। आपने सबकुछ अडानी को दे दिया है और आपको अडानी की ही चिंता है। स्पीकर ने फिर आपत्ति जताते हुए कहा कि आप संविधान पर चर्चा कीजिए। इस पर राहुल ने तेज आवाज में कहा कि संविधान में कहीं नहीं लिखा कि आप अंगूठा काटो, किसी एक व्यक्ति को फायदा पहुंचाया जाए। राहुल ने हाथरस का मामला उठाते हुए कहा कि वहां के परिवार को प्रताडि़त किया गया। पीडि़ता का अंतिम संस्कार नहीं करने दिया गया। यह सब संविधान में कहां लिखा है। यह तो मनु स्मृति में लिखा हुआ है।