केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली के खतरनाक वायु प्रदूषण पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए एक बड़ा बयान दिया है। दिल्ली में आयोजित एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में बोलते हुए, उन्होंने स्वीकार किया कि दिल्ली की हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि वहां केवल दो दिन रहने पर ही उन्हें गले में संक्रमण (Infection) और एलर्जी की समस्या हो जाती है।
गडकरी के बयान की मुख्य बातें
नितिन गडकरी ने प्रदूषण के कारणों और उसके आर्थिक प्रभाव पर खुलकर चर्चा की:
- स्वास्थ्य पर प्रभाव: गडकरी ने कहा, “मैं दिल्ली में मात्र दो दिन रुकता हूं और मुझे संक्रमण हो जाता है। प्रदूषण के कारण गले में एलर्जी की समस्या शुरू हो जाती है।” उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह भी कहा कि दिल्ली का प्रदूषण लोगों की औसतन आयु 10 साल कम कर रहा है।
- परिवहन क्षेत्र की जिम्मेदारी: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री होने के नाते उन्होंने ईमानदारी से स्वीकार किया कि दिल्ली के प्रदूषण में लगभग 40 प्रतिशत हिस्सेदारी परिवहन क्षेत्र की है।
- फॉसिल फ्यूल (जीवाश्म ईंधन) पर प्रहार: उन्होंने सवाल उठाया कि “यह कैसा राष्ट्रवाद है कि हम हर साल 22 लाख करोड़ रुपये का जीवाश्म ईंधन आयात कर रहे हैं और साथ ही अपने देश को प्रदूषित भी कर रहे हैं?”
- समाधान का सुझाव: गडकरी ने प्रदूषण मुक्त भारत के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs), हाइड्रोजन और एथेनॉल (Biofuels) के अधिक उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि वह खुद ऐसी कार का उपयोग करते हैं जो 100% एथेनॉल पर चलती है और शून्य प्रदूषण फैलाती है।
दिल्ली में प्रदूषण की वर्तमान स्थिति
यह बयान ऐसे समय आया है जब दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति अत्यंत गंभीर बनी हुई है:
- मंगलवार (23 दिसंबर) को दिल्ली का औसत AQI 412 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ (Severe) श्रेणी में आता है।
- दिल्ली के आनंद विहार और अशोक विहार जैसे इलाकों में AQI का स्तर 450 के पार पहुंच गया है।
- फिलहाल दिल्ली में GRAP स्टेज-IV लागू है, जिसके तहत डीजल ट्रकों और निर्माण कार्यों पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं।


