प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पराक्रम दिवस कार्यक्रम 2025 के अवसर पर कहा कि आज हमारा देश विकसित भारत के संकल्प को सिद्ध करने में लगा हुआ है, तो हमें नेताजी के जीवन से प्रेरणा मिलती है। उनके जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य था आजाद हिंद। नेताजी ने देश की आजादी के लिए आजाद हिंद फौज बनाई। इसमें देश के हर क्षेत्र से वीर व वीरांगनाएं थीं। सबकी भाषाएं अलग-अलग थीं लेकिन भावना एक थी देश की आजादी। यह भावना आज एक बड़ी सीख है। मोदी ने कहा कि तब हमें स्वराज के लिए एक होना था, आज हमें विकसित भारत के लिए एकजुट रहना है। दुनिया भारत की ओर देख रही है कि हम इस 21वीं सदी को भारत की सदी कैसे बनाते हैं। हमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रेरणा से देश को एकजुट रखना है।
जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला हमने किया
मोदी ने कहा कि नेताजी को भारत की विरासत पर बहुत गर्व था। आज भारत गुलामी की मानसिकता से बाहर आ रहा है, अपनी विरासत पर गर्व करते हुए विकास कर रहा है। नेताजी की विरासत से प्रेरणा लेते हुए हमारी सरकार ने 2019 में दिल्ली के लाल किले में नेताजी को समर्पित एक संग्रहालय बनाया। उसी वर्ष सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार शुरू किए। 2021 में सरकार ने फैसला किया कि नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
कटक में नेताजी की बड़ी प्रदर्शनी लगाई
पीएम ने कहा कि मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को नमन करता हूं। इस वर्ष का पराक्रम दिवस नेताजी की जन्मभूमि पर भव्य तरीके से मनाया जा रहा है। मैं ओडिशा की जनता और सरकार को बधाई देता हूं। कटक में नेताजी के जीवन से जुड़ी एक बहुत बड़ी प्रदर्शनी लगाई गई है। जिसमें उनके जीवन से जुड़ी कई धरोहरों को एक साथ संजोया गया है।