1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के 60 साल पूरे होने के अवसर पर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साउथ ब्लॉक में युद्ध के दिग्गजों से मुलाकात की और उनसे बातचीत की।
युद्ध और राष्ट्र का संकल्प
इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने कहा कि कोई भी युद्ध सिर्फ रणभूमि में नहीं लड़ा जाता, बल्कि युद्ध में मिलने वाली जीत पूरे राष्ट्र के सामूहिक संकल्प का परिणाम होती है। उन्होंने 1965 के उस चुनौतीपूर्ण समय को याद करते हुए कहा कि जब चारों ओर अनिश्चितता थी, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के दृढ़ नेतृत्व में देश ने उन चुनौतियों का डटकर सामना किया।
‘जय जवान, जय किसान’ का नारा
राजनाथ सिंह ने लाल बहादुर शास्त्री के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने न केवल देश को एक निर्णायक राजनीतिक नेतृत्व दिया, बल्कि पूरे राष्ट्र के मनोबल को भी बढ़ाया। उन्होंने शास्त्री जी के दिए गए अमर नारे “जय जवान, जय किसान” को याद किया। रक्षा मंत्री ने कहा कि यह नारा आज भी हर भारतीय के दिल में गूंजता है, क्योंकि इसमें हमारे वीर सैनिकों के सम्मान के साथ-साथ हमारे अन्नदाताओं का गौरव भी शामिल है, जिन्होंने देश को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह नारा राष्ट्र की सुरक्षा और समृद्धि के प्रति हमारे सामूहिक समर्पण को दर्शाता है।