वक्फ (संशोधन) विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल गई है। उनके हस्ताक्षर होते ही अब यह कानून बन गया है। अगर सुप्रीम कोर्ट ने दखल नहीं दिया तो इस पर अमल भी शुरू हो जाएगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट संसद से पारित कानूनों पर कम ही सवाल उठाता है। इस बीच भाजपा ने सवाल उठाए हैं कि जिस कानून पर कांग्रेस हाय-तौबा मचा रही है, उस पर गांधी परिवार ने आखिर क्यों चुप्पी साधे रखी। संसद में राहुल, सोनिया और प्रियंका ने इस पर कोई वक्तव्य नहीं दिया।
गांधी परिवार ने चर्चा में हिस्सा नहीं लिया
वक्फ (संशोधन) विधेयक की संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा वक्फ में एक बड़ा सुधार किया गया है, जिसका लाभ गरीबों, पसमांदा, महिलाओं और अनाथों को मिलेगा। अगर कांग्रेस या राहुल गांधी वाकई देश के मुसलमानों के बारे में चिंतित हैं, अगर वे उन्हें वोट बैंक नहीं मानते हैं, तो राहुल गांधी ने लोकसभा में ऐसे ऐतिहासिक विधेयक पर चर्चा में हिस्सा क्यों नहीं लिया? इस पर न तो राहुल गांधी ने कुछ कहा और न ही प्रियंका गांधी ने कुछ कहा।
आजादी के बाद पहली बार किसी विधेयक पर इतनी लंबी चर्चा हुई
जगदंबिका पाल ने कहा कि अगर यह असंवैधानिक कानून था, तो राहुल गांधी को संसद में खंड-दर-खंड यह कहना चाहिए था कि जो संशोधन किया जा रहा है, वह असंवैधानिक है। उन्होंने इस पर कोई सुझाव नहीं दिया, कोई तर्क नहीं दिया, न ही प्रियंका गांधी ने कोई तर्क दिया और न ही सोनिया गांधी ने राज्यसभा में कोई तर्क दिया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार लोकसभा या राज्यसभा में किसी विधेयक पर इतनी लंबी चर्चा हुई, लेकिन गांधी परिवार ने मौन साधे रखा।