राजधानी लखनऊ में चल रहे आम महोत्सव का आखिरी दिन और यादगार बन गया। महोत्सव के समापन से कुछ घंटे पहले, जब स्टालों पर बचे हुए आमों को बेचने की घोषणा की गई, तो वहां मौजूद लोगों में आमों को ‘लूटने’ की होड़ मच गई। कई लोगों ने अपने साथ लाए थैलों में भरकर आम घर ले जाने शुरू कर दिए, जिससे कुछ समय के लिए अव्यवस्था का माहौल भी बन गया।
महोत्सव स्थल पर सुबह से ही आम प्रेमियों की भीड़ उमड़ी हुई थी। दोपहर होते-होते आयोजकों ने घोषणा की कि प्रदर्शनी और बिक्री के लिए रखे गए शेष आमों को बेहद कम दामों पर उपलब्ध कराया जाएगा। बस फिर क्या था, यह सुनते ही लोग आमों के स्टालों की ओर ऐसे टूट पड़े, जैसे मुफ्त में मिल रहे हों। सुरक्षाकर्मियों और आयोजकों के लिए भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कई लोग तो हाथ में जितने आम आ रहे थे, उतने उठाकर भाग रहे थे। जिन लोगों के पास थैले थे, उन्होंने अपने थैले भरकर आम ले जाना शुरू कर दिया। कुछ देर तक तो ऐसा लगा जैसे कोई ‘आम की लूट’ मची हो। हालांकि, आयोजकों ने बाद में स्थिति को संभाला और नियंत्रित तरीके से बिक्री जारी रखी।
एक आम खरीददार रमाकांत ने बताया, हमें लगा कि शायद बचे हुए आमों को मुफ्त में दे रहे हैं, इसलिए हम भी भीड़ में शामिल हो गए। हालांकि, बाद में पता चला कि ये बेहद कम दामों पर बिक रहे थे। इस घटना ने आम महोत्सव के आखिरी दिन को एक अनोखा मोड़ दे दिया और यह शहर में चर्चा का विषय बन गया। महोत्सव भले ही समाप्त हो गया हो, लेकिन आमों की ‘लूट’ की यह कहानी कई दिनों तक लोगों की जुबान पर रहेगी।