अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग के बाद नतीजों का ऐलान हो गया है। अमेरिका के नए राष्ट्रपति के तो बार डोनाल्ड ट्रंप की वापसी हो गई हे। इन चुनावों पर दुनिया के साथ-साथ भारत की भी नजर थी। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से भारत पर ज्यादा असर नहीं होगा। वहीं रूस, चीन और ईरान के लिए ट्रंप मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। पाकिस्तान की तत्कालीन इमरान सरकार से ट्रंप की नजदीकी थी। ऐसे में पाकिस्तान पर ट्रंप कुछ नरमी दिखा सकते हैं।
भारत को मिलेगा ट्रंप का साथ
भारत के लिए अमेरिकी नीति विशेष मायने रखती है। भारत के पड़ोस में चीन की आक्रामकता चिंता का सबब रही है। अमेरिका के पिछले तीन राष्ट्रपतियों- ओबामा, ट्रंप और बाइडन का रुख चीन के मामले में भारत के साथ सहयोगात्मक रहा है। ट्रंप सरकार के लौटते ही भारत के लिए अमेरिकी सहयोग और मजबूत हो सकता है। वैसे भी मोदी और ट्रंप के बीच बेहतर तालमेल रहा है। जब ट्रंप राष्ट्रपति थे तो मोदी कई बार यूएसए विजिट पर गए, तो ट्रंप भी भारत आए। ऐसे में भारत और मोदी को ट्रंप से तालमेल बैठाने में ज्यादा समस्या नहीं आएगी।
बांग्लादेश और पाकिस्तान पर ट्रंप का रुख
डोनाल्ड ट्रंप भारत के दो अहम पड़ोसी बांग्लादेश और पाकिस्तान पर अपना रुख बदल सकते हैं। ट्रंप ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया है कि वह बांग्लादेश की यूनुस सरकार को डेमोक्रेटिक समर्थक के रूप में देखते हैं। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से भारत को पाकिस्तान के मामले में कुछ चिंताएं हो सकती हैं। बाइडन प्रशासन ने पाकिस्तान को बहुत कम प्राथमिकता दी है। वहीं ट्रंप की इमरान खान से नजदीकी दिखी थी। वह पाक के लिए नरमी दिखा सकते हैं। ट्रंप पहले दिन से ही ईरान को दुश्मन मानेंगे और नेतन्याहू को लडऩे के लिए प्रोत्साहित करेंगे। इससे युद्ध और भडक़ सकता है। ट्रंप की जीत यूक्रेन के खिलाफ रूस को मदद करेगी।