क्रिकेट के लिए 16 मार्च का दिन एक ऐतिहासिक दिन है। यह दिन भारत और विश्व के लिए बहुत बड़ा था। भारत में क्रिकेट को एक धर्म की तरह माना जाता है और सचिन तेंदुलकर किसी भगवान से कम नहीं हैं। 16 मार्च 2012 का वह दिन सबसे बड़ा साबित हुआ, जब सचिन ने एशिया कप के एक मुकाबले में बांग्लादेश के खिलाफ खेलते हुये मीरपुर स्थित शेर-ए-बंगाल स्टेडियम में सैकड़ा जडक़र एक अभूतपूर्व रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया था। एकदिवसीय क्रिकेट में सचिन ने 49वां शतक ठोका था, जिसके लिए उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ा था। वे टेस्ट क्रिकेट में 51 शतक पहले ही लगा चुके थे। इस तरह मास्टर ब्लास्टर ने शतकों का शतक पूरा किया और देश के लिए बड़ी उपलब्धि हासिल की थी।
इराक ने किया था केमिकल अटैक
16 मार्च 1988 को इतिहास की सबसे क्रूरतम घटनाओं में एक हुई थी। सुबह करीब 11 बजे इराकी सेना ने ईरान की सीमा से लगे शहर हेलबजा पर केमिकल अटैक कर दिया था। सेना ने मस्टर्ड गैस को हवा में घोल दिया था जिससे पलक झपकते ही 5 हजार से ज्यादा लोग मौत के मुंह में समा गए। 10 हजार लोग जिंदगीभर के लिए किसी न किसी बीमारी का शिकार हो गए। केमिकल इतना घातक था कि अगली कई पीढिय़ों तक इसका असर देखने को मिला था। दरअसल हेलबजा शहर इराक-ईरान की सीमा पर स्थित है और यहां ज्यादातर कुर्द लोग रहते थे, जो इराक में सद्दाम हुसैन के शासन से बेहद नाखुश थे। जब ईरान की सेना इस इलाके में घुसी तो स्थानीय कुर्दों ने उनका जोरदार स्वागत किया। ये बात इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन को नागवार गुजरी। उसने कुर्दों को सबक सिखाने का फैसला लिया और ये खौफनाक हमला करवा दिया।
पोलियो की पहली खुराक दी गई थी
आज ही के दिन 16 मार्च 1995 को भारत में पोलियो की ओरल वैक्सीन की पहली डोज दी गई थी। भारत के पल्स पोलियो अभियान को दुनिया के सबसे सफल वैक्सीनेशन कैंपेन के तौर पर गिना जाता है। वैक्सीनेशन के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 16 मार्च को नेशनल वैक्सीनेशन डे के रूप में मनाया जाता है। 2014 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को पोलियो-मुक्त देश घोषित कर दिया। भारत के लिए ये 19 सालों की लंबी लड़ाई का नतीजा था।
ये घटनाएं भी इतिहास में दर्ज
- 1527 में बाबर ने खानवा के युद्ध में राणा सांगा को हराया।
- 1693 में इंदौर के होल्कर वंश के संस्थापक मल्हारराव होलकर का जन्म हुआ था।
- 1846 में प्रथम अंग्रेज-सिख युद्ध के फलस्वरूप अमृतसर संधि पर हस्ताक्षर हुए थे।
- 2000 में पाकिस्तान में लाहौर की एक अदालत ने जावेद इकबाल को मौत की सजा सुनाई थी, जिसने 6 से 16 साल की उम्र के बच्चों के साथ दरिंदगी के बाद उनकी हत्या कर दी थी और सबूत छिपाने के लिए उनके शवों को काट-काटकर तेजाब में डाल दिया था। अदालत ने जावेद को उसी तरह मारने का आदेश दिया था जैसे वह बच्चों को मारता था, लेकिन उसने सजा की तामील से पहले ही आत्महत्या कर ली।
- 2014 में क्रीमिया में यूक्रेन से अलग होने और रूस के साथ जाने के लिए जनमत संग्रह हुआ था। कई देशों के विरोध के बाद भी रूस ने जनमत संग्रह के बाद क्रीमिया को अपने में मिला लिया।
- 2024 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मध्य मुंबई में डॉ. बीआर आंबेडकर के स्मारक चैत्यभूमि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करके संविधान की प्रस्तावना पढक़र अपनी 63-दिवसीय ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का समापन किया था।