देश में एक समय ऐसा भी था कि जब एक भी चीता नहीं था। इसके बाद मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में चीतों को विदेश से लाया गया। अब यहां का जंगल चीतों से आबाद है। चीता ज्यादा और उसके चार शावकों को अब जंगल में खुले में छोड़ दिया गया है। कुछ दिन पहले एक वीडियो आया था, जिसमें लाठी लेकर लोग चीतों को भगा रहे थे। दरअसल ये चीते बकरियों का शिकार कर रहे थे। इससे लोग बेहद डरे हुए थे, लेकिन अब एक वीडियो ऐसा भी आया है, जिसमें मादा चीता ज्वाला अपने चार शावकों के साथ पानी पीती दिख रही है। यह पानी उसे चीता मित्र की ओर से पिलाया जा रहा है। इस दौरान चीता फैमिली बेहद शांत और दोस्ताना माहौल में पानी पीती नजर आ रही है।
चीतों से सुना और समझा कमांड
वीडियो में दिखाई दे रहा है कि चीता मित्र सत्तू गुर्जर हाथ में परात और एक पानी की केन है। वह केन से परात में पानी भरता है और शिकार के बाद पेड़ के नीचे बैठकर अपने शवकों के साथ आराम कर रही ज्वाला को आवाज देता है। वह चीतों को अंग्रेजी में कम कहकर बुलाता है। यह सुनते ही ज्वाला और उसके चारों शवक तुरंत उसके पास पहुंच जाते हैं और परात से पानी पीते हैं। जब सत्तू उन्हें गो कहकर कमांड देते हैं, तो ये चीते वापस भी चले जाते हैं।
पार्क की सीमा से बाहर आए
डेढ़ महीने पहले खुले जंगल में छोड़ी गई मादा चीता ज्वाला और उसके चार शावक पहली बार कूनो नेशनल पार्क की सीमा से बाहर आए हैं। उन्हें वीरपुर तहसील के ग्राम श्यामपुर के पास देखा गया है। बताया जा रहा है कि मॉनिटरिंग टीम के साथ चीतों की सुरक्षा में लगे चीता मित्र अब चीतों को पहचानने लगे हैं।


