जब जुनून दिल से जलता है, तो कोई मंजिल दूर नहीं होती। अक्सर हम अद्भुत उपलब्धियों की कहानियां सुनते हैं, लेकिन उन्हें अपवाद मानकर नजरअंदाज कर देते हैं। यहां ऐसी ही एक कहानी है, जो इस धारणा को चुनौती देती है। यह कहानी है एक युवा की, जिसने झुग्गी में रहते हुए और सीमित संसाधनों के बावजूद, अद्वितीय सफलता हासिल की।
मुंबई की झुग्गियों से आईआईटी दिल्ली तक का सफर
मुंबई के लोकमान्य तिलक नगर की झुग्गियों से ताल्लुक रखने वाले अभिषेक सुजीत शर्मा ने कठिन परिस्थितियों को पार करते हुए आईआईटी दिल्ली में अपनी जगह बनाई। उनकी यात्रा प्रेरणादायक है, जो दृढ़ संकल्प और निरंतर प्रयासों से भरी हुई है।
जीवन का सबसे बड़ा मोड़: जेईई एडवांस्ड का परिणाम
अभिषेक का जीवन तब पूरी तरह बदल गया जब उनके जेईई एडवांस्ड का परिणाम घोषित हुआ। उनकी शानदार रैंक ने उन्हें आईआईटी दिल्ली में एक प्रतिष्ठित स्थान दिलाया। यह जीत न केवल उनकी व्यक्तिगत विजय है, बल्कि उनके पूरे समुदाय के लिए आशा की किरण भी है।
कठिनाइयों के बीच पढ़ाई का जज़्बा
अभिषेक ने एक कठिन माहौल में रहते हुए अनेक चुनौतियों का सामना किया। पड़ोसी के वाई-फाई कनेक्शन का उपयोग करते हुए छत पर पढ़ाई करना, शोर-शराबे और निरंतर व्यवधानों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। अब, गरीबी से अपने परिवार को निकालने की संभावना के साथ, उनकी कहानी ने कई लोगों को प्रेरित किया है।
परिवार का संघर्ष और अभिषेक का समर्पण
अभिषेक के पिता, जो एक स्टील फैब्रिकेशन कंपनी में मजदूरी करते हैं, मात्र 3,000 रुपये प्रति माह कमाते हैं। उनका परिवार चार लोगों का एक छोटा सा किराए का कमरा हार्ड चाल में रहता है, जो अपराध से प्रभावित क्षेत्र है और जहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। इन कठिनाइयों के बावजूद, अभिषेक ने अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित रखा।
परिवार का अटूट समर्थन और अभिषेक का लक्ष्य
“जब मेरा मोबाइल डेटा खत्म हो गया, तो मैंने छत पर पड़ोसी के वाई-फाई का उपयोग करके पढ़ाई की,” अभिषेक याद करते हैं। अपने परिवार के अटूट समर्थन से प्रेरित होकर, उन्होंने नकारात्मक प्रभावों से दूर रहकर अपनी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया। “मेरे परिवार ने मेरी तैयारी के दौरान मेरी सबसे बड़ी ताकत बनकर मेरा साथ दिया,” वे कहते हैं।
वैज्ञानिक बनने का सपना और फिजिक्स वाला की मदद
छोटी उम्र से ही अभिषेक वैज्ञानिक बनने का सपना देखते थे। एक कमरे के घर में रहते हुए, उनके माता-पिता ने अपने आराम का त्याग किया ताकि अभिषेक को पढ़ाई के लिए जगह मिल सके। अभिषेक की कहानी, जिसे फिजिक्स वाला के संस्थापक अलख पांडे द्वारा एक वीडियो में दिखाया गया, लाखों लोगों के दिलों को छू गई। इस वीडियो ने इंस्टाग्राम पर 8.1 मिलियन व्यूज और 693K लाइक्स बटोरे। अलख पांडे से उनकी मुलाकात और फिजिक्स वाला की किफायती ऑनलाइन कोर्स से मिली स्कॉलरशिप ने उनकी यात्रा को बदल दिया।
सपने देखने वालों के लिए अभिषेक की सलाह
“जो लोग जेईई जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल करना चाहते हैं, वे खुद पर विश्वास रखें और चुनौतियों के बावजूद अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित रखें,” अभिषेक सलाह देते हैं। उनकी अद्भुत यात्रा इस बात को साबित करती है कि परिस्थितियां क्षमता को परिभाषित नहीं करतीं।