आगामी 15 अगस्त को अलास्का में होने वाली रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। इस बहुप्रतीक्षित बैठक से पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पत्रकारों के सवालों के रोचक जवाब दिए। सोमवार को उन्होंने कहा कि पुतिन से होने वाली उनकी मुलाकात के शुरुआती दो मिनट में ही उन्हें अंदाजा हो जाएगा कि यूक्रेन और रूस का युद्ध रोकने के लिए कोई समझौता संभव है या नहीं।
ट्रंप ने कहा कि “यह युद्ध मेरा नहीं, बल्कि जो बाइडेन का है। अगर मैं राष्ट्रपति होता तो यह युद्ध शुरू ही नहीं होता।” उन्होंने दावा किया कि उनके पास एक गोपनीय योजना है जिससे युद्ध को तुरंत रोका जा सकता है। ट्रंप ने यह भी कहा कि वह पुतिन से कहेंगे कि युद्ध खत्म करना होगा और पुतिन उनसे ‘पंगा’ नहीं लेंगे। इस बैठक में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की भागीदारी को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही हैं, हालांकि ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि उनकी मुलाकात जेलेंस्की की भागीदारी पर निर्भर नहीं है।
जेलेंस्की ने पीएम मोदी से फ़ोन पर की बात
इसी बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने 11 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की है। इस बातचीत में दोनों नेताओं ने रूस-यूक्रेन संघर्ष की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की। जेलेंस्की ने मोदी को यूक्रेन में रूसी हमलों, खासकर जापोरिज्जिया बस स्टेशन पर हुए हमले के बारे में जानकारी दी। उन्होंने भारत से शांति प्रयासों में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया और कहा कि शांति के लिए यूक्रेन के फैसले में यूक्रेन की भागीदारी आवश्यक है।
पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत हमेशा से ही बातचीत और कूटनीति के माध्यम से समस्याओं को हल करने का पक्षधर रहा है। उन्होंने शांति प्रयासों के लिए भारत के समर्थन का आश्वासन दिया। यह बातचीत दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने और शांति की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखी जा रही है।