आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में विजयादशमी पर्व पर स्वयंसेवकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी बांग्लादेश में जो हुआ? उसके कुछ तात्कालिक कारण हो सकते हैं, लेकिन जो लोग चिंतित हैं, वे इस पर चर्चा करेंगे। उस अराजकता के कारण हिंदुओं पर अत्याचार करने की परंपरा वहां दोहराई गई। पहली बार हिंदू एकजुट हुए और अपनी रक्षा के लिए सडक़ों पर उतरे। उन्होंने कहा कि जब तक क्रोध में आकर अत्याचार करने की यह कट्टरपंथी प्रवृत्ति होगी-तब तक न केवल हिंदू, बल्कि सभी अल्पसंख्यक खतरे में होंगे। उन्हें पूरी दुनिया के हिंदुओं से मदद की ज़रूरत है। यह उनकी ज़रूरत है कि भारत सरकार उनकी मदद करे।अगर हम कमज़ोर हैं, तो हम अत्याचार को आमंत्रित कर रहे हैं। हम जहाँ भी हैं, हमें एकजुट और सशक्त होने की ज़रूरत है।
विकसित मानव समाज में भी कई संघर्ष जारी हैं
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि परिस्थितियां कभी चुनौतीपूर्ण होती हैं तो कभी अच्छी। मानव जीवन भौतिक रूप से पहले से अधिक खुशहाल है लेकिन हम देखते हैं कि इस खुशहाल और विकसित मानव समाज में भी कई संघर्ष जारी हैं। इजरायल और हमास के बीच जो युद्ध शुरू हुआ है, हर कोई इस बात को लेकर चिंतित है कि यह कितना व्यापक होगा और इसका दूसरों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आरएसएस मुख्यालय में विजयादशमी पर्व में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पूर्व इसरो प्रमुख के. सिवन मौजूद हैं। पद्म भूषण और पूर्व इसरो प्रमुख के. राधाकृष्णन भी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे।


