उत्तर प्रदेश सरकार ने युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना’ को और अधिक सुलभ बना दिया है। अब प्रशासन खुद कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में जाकर युवाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए 5 लाख रुपये तक का ब्याज-मुक्त और गारंटी-मुक्त ऋण प्रदान करेगा। यह पहल युवाओं को उद्यमिता के लिए प्रेरित करने और राज्य में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है।
पहले ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया थी
पहले यह योजना मुख्य रूप से ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया पर आधारित थी, लेकिन अब सरकार ने इसे सीधे युवाओं तक पहुंचाने का फैसला किया है, खासकर उन लोगों तक जो अभी अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं या हाल ही में स्नातक हुए हैं। इस अभियान के तहत, सरकारी टीमें शैक्षणिक संस्थानों का दौरा करेंगी, योजना के बारे में जागरूकता फैलाएंगी और इच्छुक छात्रों को मौके पर ही आवेदन प्रक्रिया में सहायता करेंगी। यह योजना युवाओं को नौकरी मांगने वाले से नौकरी देने वाला बनने के लिए सशक्त करेगी, जिससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी बल्कि राज्य के आर्थिक विकास में भी योगदान मिलेगा।
योजना की मुख्य विशेषताएं:
- ब्याज-मुक्त ऋण: युवाओं को 5 लाख रुपये तक का ऋण बिना किसी ब्याज के मिलेगा। इसका सारा ब्याज सरकार वहन करेगी।
- गारंटी-मुक्त: ऋण के लिए किसी प्रकार की गारंटी की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे छोटे उद्यमियों को बड़ी राहत मिलेगी।
- तकनीकी मार्गदर्शन: ऋण के साथ-साथ, युवाओं को अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक चलाने के लिए आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन और प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।
- पात्रता: 21 से 40 वर्ष की आयु के ऐसे युवा जो न्यूनतम 8वीं पास हैं और जिनके पास किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से कौशल प्रशिक्षण प्रमाणपत्र, डिप्लोमा या डिग्री है, वे इस योजना के लिए पात्र होंगे।
- विस्तार का लक्ष्य: सरकार का लक्ष्य हर साल 1 लाख युवा उद्यमियों को स्वरोजगार से जोड़ना है, और अगले 10 वर्षों में कुल 10 लाख स्वरोजगार के अवसर सृजित करना है।
- भविष्य में वृद्धि: सूत्रों के अनुसार, पहले ऋण के सफल पुनर्भुगतान के बाद, युवा दूसरे चरण में 25 लाख रुपये तक का ब्याज-मुक्त ऋण भी प्राप्त कर सकेंगे। सरकार 25 लाख रुपये की परियोजना सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये करने की भी तैयारी कर रही है।