भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को अमेठी में हार का खामियाजा भुगतना पड़ा है। उन्होंने दिल्ली स्थित 28 तुगलक क्रीसेंट बंगला खाली कर दिया है। 2014 में भी स्मृति हारी थीं, लेकिन तब मोदी ने उन्हें मंत्रीपद दिया था। 2019 में जीत के बाद भी वे मंत्री बनीं, लेकिन 2024 में मोदी ने उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया। इसके बाद उन्होंने बंगला को बाय-बाय कर दिया है और नेमप्लेट भी हट गई है। उन्हीं की तरह चुनाव हारने वाले 17 सांसदों को भी अपना सरकार बंगला खाली करना होगा।
ये माननीय करेंगे बंगला खाली
चुनाव हारने वाले 17 बीजेपी नेता भी अब अपना बंगला खाली करेंगे। इनमें अर्जुन मुंडा, आरके सिंह, महेंद्रनाथ पांडेय, स्मृति ईरानी, राजीव चंद्रशेखबर, संजीव बालियान, कैलाश चौधरी, वी मुरलीधरन, अजय मिश्रा टेनी, निशित प्रामाणिक, सुभाष सरकार, रावसाहेब दानवे पाटिल, साध्वी निरंजन ज्योति, भानुप्रताप वर्मा, कौशल किशोर, कपिल पाटिल, भारती पवार, भगवंत खुबा को बंगला खाली करने के लिए 11 जुलाई तक की मियाद मिली है। 5 जून को राष्ट्रपति ने पुरानी लोकसभा भंग कर दी थी। नियमों के मुताबिक चुनाव हारे सांसदों को बंगला खाली करना होगा। ये बंगले अब सांसद और मंत्रियों को आवंटित किए जाएंगे।