बॉलीवुड की सुपर-डुपर हिट फिल्म शोले को सभी ने कई बार देखा है। यह फिल्म डायलॉग और इमोशन के लिए आज भी जानी जाती है। 1975 में रिलीज हुई इस फिल्म को अब 50 साल पूरे हो चुके हैं। राजस्थान के जयपुर के राजमंदिर सिनेमा में शोले की इस गोल्डन जुबली के मौके पर स्पेशल स्क्रीनिंग हुई जो सिनेमा प्रेमियों के लिए ऐतिहासिक दिन साबित हुई। बॉलीवुड की आइकॉनिक फिल्म ‘शोले’ और राजमंदिर सिनेमा के 50 साल पूरे होने का जश्न मनाया जा रहा है। जयपुर में आईफा के आगाज के साथ ही फिल्मों का रंग चढऩे लगा है। इस स्क्रीनिंग का मकसद भारतीय सिनेमा के स्वर्णिम सफर को सम्मान देना है। स्क्रीनिंग के साथ ही जयपुर के सिनेमा प्रेमियों को एक बार फिर इस क्लासिक फिल्म को बड़े पर्दे पर देखने का मौका मिला है।
यादगार फिल्म है शोले
शोल फिल्म को देखने के लिए निर्माता सूरज बडजात्या, शोले फिल्म के डायरेक्टर रमेश सिप्पी, उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी भी मौजूद थीं। फिल्म में जय-वीरू और गब्बर के साथ ही बसंती और अंग्रेजों के जमाने के जेलर को देखकर सभी ने जमकर तालियां बजाईं। इसका गीत-संगीत भी सभी को बेहद पसंद आया। आज आईफा का ग्रैंड फिनाले भी होगा, जहां कलाकारों को सिनेमा जगत में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा।
बार-बार देख सकते हैं
जस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने फिल्म शोले की स्पेशल स्क्रीनिंग के दौरान कहा कि यह हम सभी के लिए बहुत खुशी और गर्व की बात है। हम सभी ने शोले कई बार देखी होगी। यह एक ऐसी फिल्म है जिससे सभी की यादें जुड़ी हुई हैं। यह एक कालातीत फिल्म है, आप इसे बार-बार देख सकते हैं।