ममता कुलकर्णी का नाम इन दिनों चर्चाओं में है। 1990 के दशक में खूबसूरत अदाकारा के रूप में जब ममता कुलकर्णी ने फिल्मों में एंट्री की तो उन्होंने हर किसी का दिल जीत लिया। उन्होंने शाहरूख और सलमान खान के साथ करण-अर्जुन जैसी फिल्म की। उनकी मासूमियत और दिलकश अदा के कारण हर कोई उनका फैन बन गया। लेकिन बाद में ममता ने आध्यात्मिकता की राह पकड़ ली। तब उनका नाम कभी-कभी चर्चाओं में रहा। लेकिन महाकुंभ 2025 के दौरान किन्नर अखाड़े ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर की उपाधि दी तो बवाल खड़ा हो गया। हालात ऐसे बने कि सात दिन में ही उनसे यह पदवी छीन ली गई। कई हिंदू संतों ने उनके महामंडलेश्वर बनने का विरोध किया।
नवरात्रि में 2 पैग पीती थीं
ममता कुलकर्णी ने कहा कि वे नवरात्रि का व्रत रखती थीं। ममता कुलकर्णी नवरात्रि के दौरान ध्यान करती थीं और उपवास करती थीं, लेकिन रात में वह स्कॉच के दो पैग पीती थीं। उन्होंने कहा कि जब वे शूटिंग के लिए जाती थीं तो 3 बैग ले जाती थीं। एक में कपड़े थे, दूसरे में मेरा पोर्टेबल मंदिर रहता था। यह मंदिर कमरे में एक मेज पर स्थापित था, जहां काम पर निकलने से पहले पूजा करती थीं। नवरात्रि में सुबह, दोपहर और शाम तीन बार हवन करने का संकल्प लिया था। नौ दिनों तक केवल पानी पर थी। मैंने 36 किलो चंदन से यज्ञ किया था। एक-दो नवरात्र तो ऐसे ही निकल गए। मैं स्कॉच पीती थी लेकिन सिर्फ दो पैग के बाद मुझे वॉशरूम जाना पड़ता था। ऐसा लगा मानो सारी शराब मेरे सिर पर चढ़ गयी हो। नौ दिनों की तपस्या के कारण गलत प्रभाव पड़ता था।