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    शास्त्रोत्सव में संस्कृति और संस्कृत भाषा को बढ़ावा.. सीएम धामी बोले-पूरे विश्व को दिखाई गौरवशाली परंपरा

    उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हरिद्वार के पतंजलि विश्वविद्यालय में 62वें अखिल भारतीय शास्त्रोत्सव के समापन समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज यहां केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय और पतंजलि विश्वविद्यालय द्वारा 1000 से भी ज्यादा देश-विदेश से संस्कृत के विद्वानों का आना हुआ है। यहां बहुत शानदार शास्त्रोत्सव का कार्यक्रम किया गया है। देवभूमि उत्तराखंड में इन्होंने अनेक प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। सीएम ने कहा कि ये हमारी गौरवशाली परंपरा से पूरे विश्व को परिचित कराने का काम करेंगे। मैं केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय और पतंजलि विश्वविद्यालय को अपनी ओर से बधाई देता हूं।

    1500 विद्यार्थी और मार्गदर्शक पहुंचे

    पतंजलि विश्वविद्यालय में 62वें अखिल भारतीय शास्त्रोत्सव का समापन समारोह एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और शैक्षणिक घटना है। इस शास्त्रोत्सव का उद्देश्य भारतीय संस्कृति और संस्कृत भाषा को बढ़ावा देना था। यह आयोजन भारतीय ज्ञान परंपरा को पुनस्र्थापित करने का एक प्रयास था। इस शास्त्रोत्सव में देश भर से विद्वानों, छात्रों और संस्कृति प्रेमियों ने भाग लिया। स्पर्धा में देश के 30 राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों के 1500 विद्यार्थी और मार्गदर्शकों ने भाग लिया। इस समारोह में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम और शास्त्रीय प्रस्तुतियां हुईं। राजस्थान का कालबेलिया, पाण्डवानी, जिंदुआ, छाऊ लोकनृत्य तथा प्रसिद्ध भोजपुरी गायक चंदन तिवारी, नृत्य नाटिका कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण थे। गुरू शिष्य परम्परा के अंतर्गत लोकनाट्य माच एवं तेजा जी की कथा को भी जीवंत किया गया। इस दौरान हर की पौड़ी पर वेदों का मंगलस्वर गूंजा।

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