छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में नक्सली मुठभेड़ में मार गया खूंखार और कुख्यात नक्सली नेता जयराम उर्फ चलपति अपनी एक गलती के कारण मारा गया। 60 साल का यह नक्सली एक करोड रुपए का इनामी था। वह आंध्र प्रदेश के चित्तौड़ जिले का रहने वाला था। पुलिस रिकॉर्ड में उसका नाम प्रताप रेड्डी, रामचंद्र रेड्डी, चलपति, जयराम और रामू भी है। उसने दसवीं तक की शिक्षा हासिल की थी। आतंक का पर्याय बन चुका यह खूंखार नक्सली कई हमले का सूत्रधार था। यही वजह है कि उस पर एक करोड रुपए का इनाम था। छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के जंगल में दशकों से उसकी तूती बोलती थी। यहां तक की पुलिस भी उसका कोई सुराग नहीं लगा सकी थी। लेकिन एक गलती उस पर भारी पड़ गई और उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। दरअसल उसकी और पत्नी की एक सेल्फी सामने आई थी, जिसकी मदद से पुलिस को उसका हुलिया पता चल गया फिर क्या था पुलिस ने पूरी योजना बनाकर धावा बोला और उसे मौत के घाट उतार दिया। इस हमले में 1000 जवानों ने एक साथ मोर्चा खोला और उसे ढेर कर दिया। उसके साथ ही 27 नक्सली और मारे गए हैं।
ज्यादा चल फिर नहीं पता था चलपति
चलपति भले ही सक्रिय नक्सली था, लेकिन कुछ दिनों से वह घुटने की समस्या से परेशान था। इसकी वजह से वह ज्यादा चल-फिर नहीं पाता था। 60 साल की उम्र में भी वह सक्रिय था। वह कई भाषाएं जानता था और सैन्य रणनीति और गुरिल्ला युद्ध का भी विशेषज्ञ था।
10-12 बॉडीगार्ड रहते थे साथ
चलपति कई हमले का मास्टरमाइंड था और वह लगातार लडक़ों की भर्तियां भी कर रहा था। उसके पास एके-47, मोबाइल, टैबलेट और कंप्यूटर के साथ रेडियो भी रहता था। उसकी सुरक्षा में 10 से 12 बॉडीगार्ड हमेशा रहते थे। जब मुठभेड़ हुई तो यह बॉडीगार्ड भी काम नहीं आए और जवानों ने उनका काम तमाम कर लिया।