भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अपने नवीनतम अपडेट में बताया है कि उत्तर-पश्चिम भारत में इस साल अगस्त में 265 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो साल 2001 के बाद से इस महीने के लिए सबसे अधिक है। लगातार हो रही भारी बारिश के कारण पहाड़ी राज्यों से लेकर मैदानी इलाकों तक जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में हो रही बारिश के कारण भूस्खलन और पहाड़ दरकने की घटनाएं लगातार जारी हैं। वहीं, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और अन्य मैदानी राज्यों में भी बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
आईएमडी ने आने वाले दिनों के लिए भी चेतावनी जारी की है। विभाग के अनुसार, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश समेत सात राज्यों में 2 सितंबर तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, उत्तराखंड और पूर्वी राजस्थान के कई हिस्सों में अगले सात दिनों तक भारी बारिश होने की संभावना है।
मौसम विभाग के अनुसार, इस साल मॉनसून का पैटर्न काफी अप्रत्याशित रहा है। जहां अगस्त में उत्तर-पश्चिम भारत में अत्यधिक बारिश हुई, वहीं देश के अन्य हिस्सों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण इस तरह के अत्यधिक मौसम की घटनाएं अब और अधिक सामान्य हो रही हैं।
सरकार और आपदा प्रबंधन टीमें प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है। अधिकारियों ने लोगों से सतर्क रहने और मौसम विभाग द्वारा जारी की गई चेतावनियों का पालन करने की अपील की है।