लोकसभा के बजट सत्र के दौरान संसद परिसर में एक बेहद दिलचस्प तस्वीर सामने आई—राहुल गांधी और अखिलेश यादव एक साथ! जैसे ही दोनों नेता संसद में नजर आए, सियासी गलियारों में हलचल मच गई। इस तस्वीर ने लिबरल टीवी की उस EXCLUSIVE रिपोर्ट को सही साबित कर दिया, जिसमें हमने सबसे पहले बताया था कि बजट सत्र में राहुल और अखिलेश के बीच ‘सियासी डील’ हो चुकी है। अब यह जोड़ी भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें बढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार दिख रही है।
लिबरल टीवी ने सबसे पहले दिखाई थी स्टोरी
राहुल गाँधी और अखिलेश यादव एक साथ संसद परिवार में नजर आये। इसके साथ ही लिबरल टीवी की उस स्पेशल स्टोरी पर मुहर भी लग गई जिसमे हमने सबसे पहले बताया था कि कैसे बजट सत्र में राहुल गाँधी और अखिलेश यादव के बीच डील हो चुकी है और अब संसद में दो लड़को की जोड़ी भाजपा की मुश्किल बढ़ाने के लिए तैयार है।
यूपी में बन गई बात,राहुल देंगे अखिलेश का साथ
दरअसल राहुल गाँधी और अखिलेश यादव के बीच लोकसभा चुनाव के बाद जो दूरी सामने आई थी उसकी सबसे बड़ी वजह कांग्रेस की यूपी में बढ़ती दखलंदाजी थी। यूपी में लोकसभा की 6 सीटों पर जीत मिलने के बाद से ही राहुल और प्रियंका का फोकस यूपी में बढ़ने लगा था। हालाँकि अखिलेश यादव को ये रास नहीं आया और उन्हें कांग्रेस से दूरियां बनानी शुरू कर दी थी।
इसके बाद दिल्ली चुनाव में सपा का खुलकर केजरीवाल का साथ देना अखिलेश यादव का कांग्रेस और राहुल के लिए साफ़ सन्देश था। कांग्रेस और राहुल गाँधी को अखिलेश का सन्देश समझने में देर नहीं लगी। यही वजह है कि बजट सत्र से पहले ही अखिलेश और राहुल ने एक बार फिर से हाँथ मिला लिया और अब इसकी बानगी संसद परिसर में साफ़ देखनी भी मिल रही है।
अखिलेश-राहुल के मामले में फेल हुए सियासी पंडित
संसद के बजट सत्र में राहुल गाँधी के भाषण के बाद जब अखिलेश यादव ने अपना भाषण दिया तो उन्होंने चीन के मसले पर कांग्रेस पर तंज कसा। अखिलेश के इस तंज के बाद बड़े-बड़े मीडिया हाउस और सियासी पंडित इसे राहुल-और अखिलेश के बीच तकरार की एक और नई शुरुआत के तौर पर देख रहे थे। हालाँकि लिबरल टीवी ने दोनों राजनेताओ के भाषण के विश्लेषण के बाद ही बता दिया था कि जिस लिहाज से राहुल गाँधी ने महाकुम्भ के मुद्दे से दूरी बनाई थी इससे साफ़ हो गया था कि राहुल अब यूपी की पिच में सीधे खेलने से बच रहे हैं और अखिलेश यादव को फ्रंट फुट पर खेलना का मौका दे रहा है।