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    PM जाते हैं, अडानी का कारोबार शुरू हो जाता है? आलोचना पर बोले मान, पूछता रहूंगा सवाल

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल ही में संपन्न पांच देशों की यात्रा को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक बार फिर केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय पर तीखा हमला बोला है। विदेश मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री के बयानों की आलोचना करने पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए मान ने पूछा कि क्या उन्हें देश की विदेश नीति और प्रधानमंत्री के विदेशी दौरों पर सवाल पूछने का अधिकार नहीं है।

    मुख्यमंत्री मान ने कहा, “क्या मुझे देश की विदेश नीति और उन्होंने (प्रधानमंत्री मोदी) वहां क्या किया, इसके बारे में पूछने का अधिकार नहीं है? हम इस देश के नागरिक हैं, चुनकर आए प्रतिनिधि हैं।” मान ने कहा, “क्या मुझे देश की विदेश नीति और उन्होंने वहां क्या किया, इसके बारे में पूछने का अधिकार नहीं है? वह (प्रधानमंत्री) जहां भी जाते हैं, अडानी का कारोबार वहीं क्यों शुरू हो जाता है? मैं भविष्य में भी पूछता रहूंगा। देश में 140 करोड़ लोग हैं, उन्हें उनसे बातचीत करनी चाहिए और उनकी चिंताओं का समाधान करना चाहिए। वह कहते हैं कि वह यूक्रेन युद्ध (यूक्रेन-रूस) रोक देंगे, लेकिन वह पंजाब और हरियाणा के बीच पानी के मुद्दे को भी हल नहीं कर सकते।”

    मान ने प्रधानमंत्री के विदेशी दौरों के साथ गौतम अडानी के व्यापारिक विस्तार को जोड़ते हुए एक बार फिर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा, “वह (प्रधानमंत्री) जहां भी जाते हैं, अडानी का कारोबार वहीं क्यों शुरू हो जाता है? यह कैसा संयोग है? क्या देश की संपत्तियां चंद उद्योगपतियों को सौंपी जा रही हैं?” उन्होंने स्पष्ट किया कि वह भविष्य में भी इन सवालों को उठाते रहेंगे।

    यह पहली बार नहीं है जब भगवंत मान ने प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्राओं और अडानी समूह के साथ कथित संबंधों पर सवाल उठाए हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) लगातार इस मुद्दे को उठाती रही है, आरोप लगाती रही है कि केंद्र सरकार कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों को लाभ पहुंचा रही है।

    पंजाब के मुख्यमंत्री के इस बयान से केंद्र और राज्य के बीच राजनीतिक तकरार और बढ़ने की संभावना है। लोकसभा चुनाव के बाद से ही AAP और भाजपा के बीच विभिन्न मुद्दों पर जुबानी जंग तेज हो गई है। अब विदेश नीति और व्यापारिक संबंधों को लेकर मान के तीखे सवालों ने इस बहस को एक नया आयाम दे दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।

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