फिलीपींस की भारत से नजदीकी बढ़ी तो हमने उसे सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस दे दी। अब ब्रह्मोस हासिल करने के बाद फिलीपींस के हौसले बुलंद हैं। उसकी पिछले कुछ समय से चीन से तनातनी चल रही है। फिलीपींस ने इसे देश के रक्षा आधुनिकीकरण की दिशा में मील का पत्थर बताया है। फिलीपींस के राजदूत इग्रासियो ने कहा कि ऐसी गहरी दोस्ती उन्होंने पहले कभी नहीं देखी। फिलीपींस और भारत के राजनयिक संबंध का यह 75वां साल है, जबकि रिश्ते सदियों पुराने हैं। फिलीपींस में भारतीय समुदाय सदियों से रह रहा है और वहां रच-बस गया है। बहरहाल ब्रह्मोस मिलने से चीन की बोलती बंद है, क्योंकि वह अब तक छोटे से देश को धौंस दिखाता रहता था। लेकिन अब उसे फिलीपींस को आंखें दिखाना महंगा पड़ सकता है।
भारत ने सौंपी है पहली खेप
फिलीपींस ने भारत के साथ 2022 में 37.5 करोड़ डॉलर का सौदा किया था। इसके तहत भारत ने ब्रह्मोस मिसाइलों के साथ बैटरियां, लॉन्चर और दूसरे उपकरण देने का फैसला किया है। 19 अप्रैल को भारत ने ब्रह्मोस की पहली खेप सौंपी थी। भारत ने पहली बार किसी दूसरे देश को ब्रह्मोस मिसाइल दी है।
मिसाइल की यह है खासियत
यह एक मध्यम दूरी की रैमजेट सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल है.
रेंज 290 किलोमीटर है जिसे बढ़ाकर 450 किलोमीटर कर दिया गया है। इसकी रफ्तार ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना ज्यादा है। 200 से 300 किलोग्राम वजऩ का पारंपरिक हथियार होता है। जमीन, समुद्र, उप-समुद्र, और हवा से लॉन्च की जा सकती है। खराब मौसम के बावजूद दिन और रात में काम कर सकती है। यह दागो और भूल जाओ सिद्धांत पर काम करती है, यानी लॉन्च के बाद इसे मार्गदर्शन की ज़रूरत नहीं होती। इसमें सटीकता और उच्च घातक शक्ति है।