जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 निर्दोषों की मौत के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत को समर्थन मिल रहा है। अमेरिका ने बड़ा ऐलान किया है और कहा है कि वह पहलगाम हमले के आतंकियों को दबोचने में भारत की मदद करेगा। ट्रंप प्रशासन में राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (डीएनआई) तुलसी गबार्ड ने इस भयावह हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और भारत के लोगों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। तुलसी गबार्ड ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट करते हुए लिखा कि इस भयावह इस्लामी आतंकी हमले के बाद हम भारत के साथ एकजुट हैं। पहलगाम में 26 हिंदुओं को निशाना बनाकर मार डाला गया। मेरी प्रार्थनाएं और गहरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया। हम आपके साथ हैं और इस जघन्य हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को दबोचने में आपका समर्थन करेंगे।
ट्रंप का नासमझी भरा बयान
इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नासमझी भरा बयान सामने आया था। उन्होंने कहा कि मैं भारत के बहुत करीब हूं और मैं पाकिस्तान के भी बहुत करीब हूं। कश्मीर में तो वे 1000 साल से लड़ रहे हैं। कश्मीर का मुद्दा 1000 साल से चल रहा है। सीमा पर 1,500 सालों से तनाव है। मुझे यकीन है कि वे इसे किसी न किसी तरह से सुलझा लेंगे। मैं दोनों नेताओं को जानता हूं। पाकिस्तान और भारत के बीच बहुत तनाव है लेकिन यह हमेशा से रहा है। ट्रंप का यह अजीब बयान है, क्योंकि भारत-पाकिस्तान 1947 में अलग देश बने। ऐसे में ट्रंप की 1500 साल और 1000 साल की थ्योरी नासमझी भरी है। पाकिस्तान में आतंक को लेकर भी अमेरिका का यह दोगला व्यवहार है।