ऑपरेशन सिंदूर पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जवाब देने का तरीका यही था कि पाकिस्तान में कोई नागरिक या मिलिट्री वाली जगह पर हमला नहीं किया जाए, सिर्फ वो जगह पर हमला किया गया जहां आतंकी काम करते हैं, जिन्होंने पिछले 30-35 साल जम्मू-कश्मीर में तबाही फलाई है, उन्हें निशाना बनाया गया। शुरुआत वहां से हुई यहां से नहीं। अगर वे पहलगाम में हमले नहीं करते तो ये दिन नहीं आता। उमर ने कहा कि हमें पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब देना था। पहले हमारे पड़ोसी मुल्क को शांत होना पड़ेगा तब यहां से बंदूके नहीं चलेगी।
स्कूल, हवाई अड्डा बंद, घबराने की जरूरत नहीं
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री होने के नाते मेरी जिम्मेदारी है कि यहां की हालात ठीक रहे और यहां के आम नागरिकों को कम से कम परेशानी का सामना करना पड़े। हमारे अस्पताल ठीक से काम करे, एहतियात के तौर पर हमने बॉर्डर और एलओसी के नजदीक स्कूल और शिक्षा संस्था बंद किए गए हैं लेकिन बाकि जगह डर न फैले इसलिए जम्मू और श्रीनगर में हमने स्कूल बंद नहीं किए हैं। हालांकि श्रीनगर में हवाई अड्डा बंद है, इसलिए डर की कोई जरूरत नहीं है लोगों को यहां से भागने की जरूरत नहीं है। जरूरी वस्तुओं की कोई कमी नहीं है, अस्पतालों के ब्लड बैंकों में सप्लाई की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि हाईवे यातायात के लिए खुला है।
सब कुछ तबाह हो गया
तंकी ठिकानों के खिलाफ भारत के ऑपरेशन सिंदूर पर पाकिस्तान में मुरीदके के एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि रात के करीब 12.45 बजे, पहले एक ड्रोन आया, उसके बाद तीन अन्य ड्रोन आए और उन्होंने मस्जिदों पर हमला कर दिया। उसने कहा कि सब कुछ तबाह हो गया है।