उत्तर प्रदेश के संभल में नेज़ा मेला ग्राउंड पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। एसपी संभल श्रीश चंद्र ने बताया कि आज इस स्थान पर किसी भी तरह का आयोजन नहीं हो रहा। एक आक्रांता और निर्मम हत्यारे की याद में इस मेले का आयोजन होता रहा था। इस कुरीति को सभी ने त्यागा है। आज कोई भी यहां नहीं आया है। यहां पुलिस की तैनाती की गई है। यहां पूरी तरह शांति है।
सालार गाजी की याद में लगता था मेला
सैयद सालार मसूद गाजी को गाजी मियां के नाम से भी जाना जाता हैं। वह 11वीं सदी का एक मुगल योद्धा था और वह महमूद गजनवी का भांजे और सेनापति था। युद्ध में राजा सुहेलदेव से मृत्यु की जानकारी है। इसे लेकर इतिहासकारों में मतभेद है। कुछ उन्हें आक्रमणकारी मानते हैं, तो कुछ सूफी संत। उनकी दरगाह उत्तर प्रदेश के बहराइच में स्थित है, जहाँ हर साल मेला लगता है। सैयद सालार मसूद गाजी का नाम इतिहास में उनकी सैन्य अभियानों और धार्मिक महत्व के कारण जाना जाता है। हालांकि पुलिस ने मेले के आयोजन की अनुमति नहीं दी है। सख्ती बरतते हुए इस मेले के आयोजन पर पाबंदी लगाई गई है।
अयोध्या पर करने वाला था आक्रमण
इतिहासकारों का मानना है कि सैयद सालार मसूद गाजी, महमूद गजनवी के सेनापति और उसके भांजा था और सालार गाजी दिल्ली, मेरठ, बुलंदशहर, बदायूं और कन्नौज के राजाओं को रौंदता हुआ देवस्थानों को ध्वस्त करता हुआ बाराबंकी तक आ गया था। वह अयोध्या पहुंचना चाहता था। उस समय कौशल के महाराजा सुहेलदेव ने उसकी एक लाख 30 हजार की सेना को खत्म कर दिया और गाजी की हत्या कर दी। अब सैयद सालार मसूद गाजी की याद में लगने वाले नेजा मेले पर सियासत गर्मा गई है, लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी है।