संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक होगा। केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने यह जानकारी दी है। इस बार यह सत्र काफी हंगामेदार रहने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार, सरकार और विपक्ष दोनों ने ही कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने की तैयारी कर ली है, जिनमें हाल ही में चर्चा में रहा ऑपरेशन सिन्दूर और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के युद्धविराम से जुड़े मामले प्रमुखता से गूंजेंगे। विपक्ष सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ेगा। ऑपरेशन सिन्दूर को लेकर विपक्ष सरकार से विस्तृत जानकारी और उसकी प्रभावशीलता पर सवाल उठा सकता है। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े ऐसे संवेदनशील मामलों पर तीखी बहस की संभावना है।
युद्धविराम में दखल का मुद््दा भी गूंजेगा
अंतरराष्ट्रीय पटल पर हो रहे घटनाक्रमों, विशेष रूप से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के युद्धविराम में दखल का मुद््दा भी गूंजेगा। भारत की विदेश नीति, वैश्विक अर्थव्यवस्था पर उनके संभावित प्रभाव या भारत-अमेरिका संबंधों के संदर्भ में इन मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। विपक्ष सरकार से इन अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों पर भारत की स्थिति स्पष्ट करने की मांग कर सकता है। सत्र के दौरान सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने का प्रयास करेगी। वहीं, विपक्ष महंगाई, बेरोजगारी, किसानों के मुद्दे और केंद्र-राज्य संबंधों जैसे ज्वलंत मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है। संसद भवन में नेताओं और अधिकारियों की गहमागहमी बढ़ गई है। नए सांसदों के लिए यह सत्र काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि उन्हें संसदीय प्रक्रियाओं और बहसों का अनुभव मिलेगा। आगामी मानसून सत्र में पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार जुबानी जंग देखने को मिल सकती है।