केंद्र की मोदी सरकार ने हरियाणा को बड़ा झटका दिया है। हरियाणा सरकार द्वारा पास किए गए संगठित अपराध और शव निपटान के विधेयकों को केंद्र सरकार ने वापस लौटा दिया है। केंद्र सरकार ने दोनों पर आपत्ति लगाकर वापस भेज दिया है। अब हरियाणा सरकार विधानसभा में दोनों बिलों को निरस्त करने का प्रस्ताव रखेगी। हरियाणा सरकार आपत्तियों को दूर कर नए सिरे से इनका ड्रॉफ्ट तैयार करेगी।
ये हैं दोनों बिल और आपत्तियां
दरअसल हरियाणा के संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक में राज्य में होने वाले संगठित अपराधों पर अंकुश लगाने के कड़े प्रावधान किए गए थे। हरियाणा ऑनरेबल डिस्पोजल ऑफ डेड बॉडी बिल 2024 में किसी भी शव के साथ प्रदर्शन, धरना या रोड जाम नहीं करने का प्रावधान था। अगर कोई ऐसा करता है तो छह माह से पांच साल तक कैद व एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया था। दोनों विधेयकों को लेकर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई थी और इसमें संशोधन की मांग रखी थी। दोनों विधेयक मार्च 2023 में हुए विधानसभा के सत्र में पारित किए गए थे। राज्यपाल की मंजूरी के बाद केंद्र को भेजा गया था।
डीएपी की कमी को विपक्ष ने बनाया मुद्दा
इनेलो ने राज्य में डीएपी खाद की कमी के मुद्दे पर विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दे रखा है। कांग्रेस विधायक आफताब अहमद, जस्सी पेटवाड़ और शीशपाल केहरवाला ने खाद की कमी के मुद्दे पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिए थे, जिन्हें विधानसभा स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने एक प्रस्ताव में जोड़ दिया है। इनेलो विधायक अर्जुन चौटाला ने डेंगू के बढ़ रहे मरीजों व सरकार की ओर से बचाव के इंतजामों की कमी पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिया है।

