भारतीय निशानेबाज और ओलंपिक में दो रजत पदक जीतने वाली हरियाणा की मनु भाकर के अपनी जीत पर खुलकर चर्चा की है। उन्होंने अपने ओलंपिक के सफर को बयां किया और जीत का श्रेय सभी को दिया। मनु ने अन्य देशों और भारत में खेल का अंतर बताया। मनु ने पेरिस ओलंपिक में भारत को पहला पदक दिलाया था। इसके बाद डबल्स में भी उन्होंने जीत दर्ज कर दो रजत पदक अपने नाम करने का कीर्तिमान बनाया।
भारत को लंबा सफर तय करना है
मनु ने कहा कि मेरी जीत के लिए एक व्यक्ति जिम्मेदार नहीं हो सकता। मुझे लगता है कि यह पूरी टीम का प्रयास है जो मुझे पोडियम तक ले जाता है और मुझे देश और टीम के लिए पोडियम तक पहुंचने में सक्षम बनाता है। भारत प्रगति कर रहा है, लेकिन हमें अभी लंबा सफर तय करना है। मनु ने कहा कि हमारे सामने एक लंबा सफर है जहां हम संभावित रूप से अधिक पदक जीत सकते हैं और आने वाले वर्षों में और भी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। भारत और अन्य देशों में मैंने जो एक चीज अलग देखी है, वह यह है कि वे बहुत कम उम्र से ही शुरुआत कर देते हैं। हमारे देश में यह बच्चों की रुचि की तरह है। फिर जब वे अंतत: शुरू करना चाहते हैं, तो वे पहल करते हैं और फिर माता-पिता भी समर्थन करते हैं। फिर जब वे अच्छा प्रदर्शन करना शुरू करते हैं तो सरकार तस्वीर में आती है। मुझे लगता है कि बेहतर प्रदर्शन करने और अधिक पदक जीतने के लिए इस तरह के कार्यक्रम को और अधिक प्रमुखता देने की आवश्यकता है।