महाराष्ट्र में इसी महीने विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन उससे पहले ही पुलिस महानिदेशक यानी डीजीपी रश्मि शुक्ला पर विवाद शुरू हो गया है। उन्होंने हाल ही में राज्य के 300 से अधिक पुलिस इंस्पेक्टर के ट्रांसफर किए हैं। अब शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस उन्हें हटाने की मांग करने लगी है। उनपर विवादों में घिरे रहने का आरोप लगाया है। महाराष्ट्र की पहली महिला डीजीपी इसी साल जून महीने में वह रिटायर हो रही थीं, लेकिन सरकार ने उन्हें एक्सटेंशन दे दिया, जिसकी वजह से वह अभी भी डीजीपी बनी हुई हैं। डीजीपी रश्मि शुक्ला पर नेताओं की फोन टैपिंग करवाने का भी आरोप लगा था। मुंबई और पुणे में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। हालांकि बाद में उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट से क्लीन चिट मिल गई थी।
चुनाव की बागडोर नहीं देनी चाहिए : राउत
शिवसेना (यूबीी) नेता संजय राउत ने कहा कि डीजीपी रश्मि शुक्ला के बारे में बहुत ही गंभीर आरोप हैं। क्या आप उनसे निष्पक्ष चुनाव करवाने की अपेक्षा कर सकते हैं? उनके हाथों में चुनाव की बागडोर नहीं देनी चाहिए। चुनाव आयोग कहता है कि उन्हें तबादला करने का अधिकार नहीं है। ऐसा कैसे हो सकता है? उसी समय झारखंड के डीजी को बदल दिया गया, वो उनके अधिकार में है? महाराष्ट्र का चुनाव पुलिस दबाव तंत्र के ऊपर चल रहा है।
रश्मि शुक्ला क्या सचिन वाजे लगती हैं : राणे
भाजपा विधायक नितेश राणे ने कहा कि महाविकास अघाड़ी वाले डर क्यों रहे हैं? उन्हें रश्मि शुक्ला क्या मुंबई पुलिस के पूर्व असिस्टेंट इंस्पेक्टर सचिन वाजे लगती हैं? रश्मि शुक्ला एक ईमानदार और कुशल इंस्पेक्टर हैं। महाविकास अघाड़ी के लोग अगर कुछ गलत नहीं कर रहे तो डर क्यों रहे हैं? उन्हें अच्छा और ईमानदारी से काम करने से कोई नहीं रोक सकता है, इसलिए इन लोगों को बोलने दीजिए।
महाराष्ट्र में डीजीपी रश्मि शुक्ला पर महाभारत.. इसलिए हैं विपक्ष के निशाने पर
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