उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या में हुए दीपोत्सव में शामिल हुए। इस भव्य कार्यक्रम में 25 लाख दीप जलाए गए। यह आठवां वर्ष था, जब इस तरह का भव्य आयोजन अयोध्या में हुआ है। इस बार भगवान राम के विराजमान होने के बाद पहली दीवाली थी। योगी ने जब जनता को संबोधित किया तो वे अपनी मन की व्यथा को रोक नहीं पाए। उनके मन में फैजाबाद (अयोध्या) सीट से लोकसभा चुनाव में हार का मलाल था। योगी ने कहा कि अयोध्या का परिवर्तन करके डबल इंजन सरकार ने अपना वादा पूरा किया है। काशी और मथुरा में भी इसी तरह का परिवर्तन होना चाहिए। योगी ने कहा कि यह एक पहला ऐतिहासिक अवसर है, क्योंकि 500 वर्षों के बाद भगवान राम दीवाली के लिए अयोध्या में अपने निवास में हैं। योगी ने कहा कि यह तो बस शुरुआत है। 2047 तक जब देश अपनी आजादी के 100 साल पूरे होने का जश्न मनाएगा, तो काशी और मथुरा को भी अयोध्या की तरह चमकना चाहिए।
अयोध्या के लोगों को आगे आना होगा
सीएम योगी ने कहा कि डबल इंजन सरकार ने राम मंदिर के निर्माण का अपना वादा पूरा किया है और अब अयोध्या को खुद को साबित करने की बारी है। सीएम योगी ने कहा कि याद रखिए, मां सीता की यह अग्निपरीक्षा बार-बार नहीं होनी चाहिए। हमें इससे बाहर आना होगा। अयोध्या के लोगों को एक बार फिर इसके लिए आगे आना होगा। यही कारण है कि हम आज इस भव्य समारोह के लिए यहां हैं। माफियाओं की तरह इन बाधाओं को भी समाप्त कर दिया जाएगा। योगी ने कहा कि अयोध्या का परिवर्तन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सनातन धर्म की विरासत के विकास और उन्हें वैश्विक मंच पर ले जाने के दृष्टिकोण का हिस्सा है।
साढ़े 3 लाखों लोगों ने दी प्राणों की आहुति
सीएम योगी ने कहा कि यह उन सभी आत्माओं को याद करने का क्षण है जिन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। संतों और करीब 3,50,000 लोगों ने राम मंदिर के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने सोचा था कि चाहे जो भी कीमत चुकानी पड़े, अयोध्या की धरती पर भगवान राम का मंदिर बनना चाहिए। उनकी प्रतिज्ञा पूरी हुई है और अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पूरा हो गया है। योगी ने कहा कि अयोध्या में 2017 से पहले नियमित बिजली नहीं थी लेकिन अब 31,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं या तो पूरी हो चुकी हैं या तेजी से आगे बढ़ रही हैं। अभी तो यह बस शुरुआत है।