मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में विपक्ष को आज भी निशाने पर लिया। उन्होंने शायरी पेश करते हुए कहा कि आग लगाके बहारों की बात करते हैं। जिन्होंने रात में चुन-चुनकर बस्तियों को लूटा, वही नसीबों के मारों की बात करते हैं। सीएम ने कहा कि 56 करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान होना चाहिए। आयोजन किसी पार्टी विशेष का नहीं था। सरकार सेवक के रूप में वहां पर है। अफवाहों और दुष्प्रचार को नजरअंदाज करके कुंभ को सफल बनाने के लिए योगी ने देशभर की जनता की सराहना की। उन्होंने कहा कि तमाम अफवाहों और दुष्प्रचार को दरकिनार कर लोगों ने इसे सफलता के शिखर तक पहुंचाया है। कुछ लोग जानबूझकर सनातन धर्म के खिलाफ, मां गंगा के खिलाफ, भारत की आस्था के खिलाफ या महाकुंभ के खिलाफ अनर्गल प्रलाप करते हैं। कोई झूठा वीडियो दिखाते हैं जो 56 करोड़ लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ है।
जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद भी करते हैं
सीएम योगी ने नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय पर कहा कि ये समाजवादी संस्कार हैं कि हर अच्छे कार्य का विरोध करना है। योगी ने कहा कि हिंदी को तो हटाया नहीं गया। भोजपुरी, अवधी हो या बृज हो इनकी दूसरी कोई लिपि नहीं है। देवनागरी ही इनकी लिपि है। समाजवादियों के बारे में मान्यता है कि जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद भी करते हैं। पहले दिन से ये अफवाह और दुष्प्रचार आपके द्वारा निरंतर किया जाता रहा। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने महाकुंभ के बारे में कहना शुरू किया कि इतना पैसा और इतना विस्तार देने की जरूरत क्या है।
शमी ने भी किया स्नान
योगी ने कहा कि सनातन के आयोजन के साथ जुडऩा क्या अपराध है। अगर ये अपराध है तो हमारी सरकार ये करती रहेगी। प्रयागराज महाकुंभ में क्रिकेटर मोहम्मद शमी ने भी स्नान किया। आस्था के साथ जो आए उनका स्वीकार किया गया। जो चिढ़ाने आया, उसे दुत्कार कर भगा दिया गया। संक्रमित व्यक्ति का उपचार किया जा सकता है, संक्रमित सोच का नहीं।
शिवपाल को कहा चच्चू
योगी ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में जो आया है, वह भूखा नहीं रहा है। वाराणसी, अयोध्या, प्रयागराज में सेवा चल रही है। उन्होंने कहा कि ये हिंदुस्तान है। सनातन का देश है, यहां कोई भूखा नहीं रहता है। शिवपाल को लेकर योगी ने कहा कि कहा कि अच्छा होता अखिलेश समाजवादी परिवार को लेकर गए होते। कम से कम चच्चू को तो ले गए होते। 2013 में तो मैं मान सकता हूं लेकिन 2025 में तो पुण्य का भागीदार बना देते। भतीजे चले गए, लेकिन चच्चू नहीं जा पाए।