इसरो अपनी सफलता के नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। बीते महीने एक सफल लांचिंग के बाद अब इसरो ने एक कदम और आगे बढ़ा दिया है। अब इसरो नए साल में दुनिया का सबसे महंगा सेटेलाइट लॉन्च करने की तैयारी में है। खास बात यह है कि इसे इसरो और नासा ने मिलकर तैयार किया है। यह यह सेटेलाइट हर 12 दिन में धरती की एक-एक इंच जमीन को स्कैन करेगा। इसी के साथा यह धरती पर हो रही हर छोटी-बड़ी गतिविधि की जानकारी देगा। मार्च में दुनिया का यह सबसे महंगा सैटेलाइट छोड़ा जाएगा। बताया गया कि इसकी लागत 1.5 अरब यानी 12,505 करोड़ रुपये है और यह दुनिया का सबसे महंगा सेटेलाइट है। यह सेटेलाइट इकोसिस्टम में गड़बड़ी और दुनियाभर में बदल रहे मौसम का निरीक्षण करेगा। यानी इसकी मदद से धरती पर आने वाली प्राकृतिक आपदाओं का काफी हद तक पहले ही अनुमान लगाया जा सकेगा।
निसार सेटेलाइट की यह हैं खूबियां
इस सैटेलाइट का नाम नासा इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (निसार) रखा गया है। इसका वजन करीब 2,600 किग्रा है और नासा और इसरो ने सितंबर 2014 को निसार मिशन पर सहयोग करने और इसे लॉन्च करने के लिए साझेदारी की थी। इस मिशन को 2024 में लॉन्च करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसमें देरी हुई। यह 5 से 10 मीटर के रिजॉल्यूशन पर महीने में दो से ज्यादा बार पृथ्वी की जमीन और बर्फ को उन्नत रडार इमेजिंग के जरिए मैप करेगा। यह धरती, समुद्र और बर्फ की सतह को भी मैप करेगा और छोटी से छोटी गतिविधि को भी आसानी से पकड़ लेगा।
भारत से ही लांच होगा
इस सैटेलाइट को इसरो के जीएसएलवी-एमके 2 रॉकेट के जरिए सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। इसमें एल-बैंड और एस-बैंड रडार सिस्टम लगाए गए हैं। एल-बैंड रडार छोटी सतह की हलचलों का पता लगाने में सक्षम है जबकि इसरो का एस-बैंड रडार इमेज रिजॉल्यूशन को बढ़ाने का काम करेगा। 39 फुट का एंटीना रिफ्लेक्टर लगाया गया है, जो सोने की परत वाली जाली से बना है। यह हर समय और मौसम में रियल टाइम डेटा प्रदान कर सकेगा।