More
    HomeHindi NewsDefenceएआई की दौड़ में शामिल हुआ भारत.. क्या मोदी का ये मिशन...

    एआई की दौड़ में शामिल हुआ भारत.. क्या मोदी का ये मिशन करेगा कमाल?

    चीन की कई कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई में दुनिया में धमाल मचा रही हैं। डीपसीक एआई ने दुनिया में तहलका मचा दिया है। इस बीच भारत ने भी कमर कस ली है। यही वजह है कि मोदी सरकार ने नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन लॉन्च कर दिया है। इस मिशन के तहत अगले 6 सालों में 34,300 करोड़ रुपए यानी लगभग चार अरब डॉलर डॉलर खर्च किए जाएंगे। बताया जाता है कि इससे जरूरी प्राकृतिक संस्थान संसाधनों की सप्लाई सुनिश्चित होगी। इसके साथ ही सेमीकंडक्टर अत्याधुनिक तकनीक के लिए यह राशि खर्च की जाएगी। मोदी सरकार का कहना है कि मिशन क्रिटिकल मिनरल्स की उपलब्धता बढ़ाने के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करेगा, जो दुनियाभर में मुकाबला कर सके। 2030-31 तक विदेशों में 50 खदानें खरीदी जाएंगी। प्रोसेसिंग और रीजनिंग के लिए सुविधा बनाई जाएग।

    सेमीकंडक्टर के लिए है जरूरी

    क्रिटिकल मिनरल्स और दुर्लभ दृव्य तत्व सेमीकंडक्टर बनाने और हाईटेक बनाने के लिए बहुत जरूरी हैं। अभी चीन के पास इन संसाधनों का 70-80 प्रतिशत कंट्रोल है, जिसका फायदा उसे मिलता है। लिथियम, नियोबियम और आरईई इसके लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इनका उपयोग मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक, गाडिय़ों, मेडिकल उपकरणों, रक्षा और अंतरिक्ष तकनीक में किया जाता है। इसके लिए ऑस्ट्रेलिया, चिली और अर्जेंटीना में खदानों में हिस्सेदारी खरीदने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार और उसकी एजेंसियां इसके लिए 16,300 करोड़ रुपए देंगी। इस मिशन में प्राइवेट कंपनियों और स्टार्टअप की बड़ी भूमिका होगी। खोज और तकनीक विकास में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। सरकार का दावा है कि यह मिशन दुनिया को भारत या मिशन भारत को टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा बड़ा कदम होगा। इससे भारत दुनिया के बड़े देशों में अपनी जगह बना सकेगा।

    RELATED ARTICLES

    Most Popular

    Recent Comments