ईरान के परमाणु ठिकानों पर हाल ही में हुए अमेरिका के हमलों को लेकर भारत ने अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है। वियना में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की एक विशेष बैठक में, भारत ने इस मुद्दे को मजबूती से उठाया और तत्काल स्पष्टीकरण की मांग की।
ऑस्ट्रिया में भारत के राजदूत शंभू कुमारन ने IAEA से आग्रह किया कि वह बोर्ड को हुए नुकसान की विस्तृत जानकारी दे और यह भी बताए कि विकिरण का स्तर क्या है। उन्होंने विशेष रूप से इजरायल और अमेरिका द्वारा ईरान में परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों के बाद उपजे हालात पर चिंता जताई।
भारत ने इस बात पर जोर दिया कि सभी पक्षों को संयम बरतना चाहिए और किसी भी परिस्थिति में परमाणु स्थलों की सुरक्षा पर बुरा असर नहीं पड़ना चाहिए। भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि भारत हरसंभव मदद करने के लिए तैयार है, ताकि क्षेत्र में स्थिरता बनी रहे और परमाणु सुरक्षा से संबंधित चिंताओं का समाधान हो सके।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान जैसे महत्वपूर्ण परमाणु स्थलों को निशाना बनाए जाने की खबरें हैं। हालांकि, IAEA ने शुरुआत में ऑफ-साइट विकिरण के स्तर में कोई वृद्धि नहीं होने की पुष्टि की थी, लेकिन हमले के पैमाने और इस्तेमाल किए गए हथियारों को देखते हुए नुकसान के वास्तविक आकलन की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
भारत की यह चिंता न केवल परमाणु सुरक्षा से संबंधित है, बल्कि यह क्षेत्र में बढ़ती अस्थिरता और इसके संभावित वैश्विक परिणामों को लेकर भी है। भारत हमेशा से ही परमाणु अप्रसार और परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग का प्रबल समर्थक रहा है, और इसी सिद्धांत के तहत उसने इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाई है।