भारत को अपने पांचवीं पीढ़ी के स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट (AMCA) के लिए एक शक्तिशाली इंजन की तलाश थी। अब इस खोज का समाधान फ्रांस के साथ साझेदारी से मिला है। भारत और फ्रांस ने मिलकर एक नया इंजन बनाने का फैसला किया है, जो इस परियोजना के लिए महत्वपूर्ण है।
देश का रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) जल्द ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी के पास मंजूरी के लिए भेजेगा। इस प्रोजेक्ट के तहत, भारत फ्रांस के साथ मिलकर स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट के लिए एक नया और शक्तिशाली इंजन विकसित करेगा।
इस परियोजना की सबसे खास बात यह है कि फ्रांस की प्रमुख रक्षा कंपनी Safran, भारत को इस इंजन से जुड़ी 100% तकनीक का हस्तांतरण करेगी। यह न केवल भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी पहलों को भी बढ़ावा देगा। इस तकनीक के हस्तांतरण से भारत भविष्य में अपने दम पर ऐसे इंजन विकसित करने में सक्षम हो पाएगा।
यह नया इंजन भारत के स्वदेशी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के लिए बनाया जाएगा। AMCA को भारतीय वायुसेना के लिए एक प्रमुख युद्धक विमान के रूप में देखा जा रहा है। इस संयुक्त परियोजना से भारत को न सिर्फ अत्याधुनिक तकनीक मिलेगी, बल्कि यह अमेरिका और रूस जैसे देशों पर निर्भरता भी कम करेगा।
भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दे रहा है, और यह समझौता उसी दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे पहले, अमेरिका ने भारत को F-414 इंजन देने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन यह इंजन मौजूदा फाइटर जेट्स के लिए उपयुक्त था, न कि भारत के पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट के लिए।
भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ वॉर और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर तनाव बढ़ रहा है। ऐसे में, भारत ने अमेरिका पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए यह फैसला लिया है। फ्रांस ने हमेशा भारत के साथ रक्षा क्षेत्र में एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में काम किया है।
इस संयुक्त परियोजना से भारत को न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता मिलेगी, बल्कि यह मेक इन इंडिया पहल को भी बढ़ावा देगी। यह इंजन AMCA के लिए तैयार किया जाएगा, और इसका इस्तेमाल भविष्य के अन्य विमानों में भी किया जा सकता है। यह कदम भारत की रक्षा रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है।