सतना के रहने वाले 25 वर्षीय युवा उद्यमी सानिध्य चतुर्वेदी ने एक बार फिर मध्य प्रदेश का नाम रोशन किया है। आईआईटी मद्रास में पढ़ाई के दौरान, सानिध्य ने लाखों रुपये के सालाना पैकेज वाली नौकरी का ऑफर ठुकरा दिया और अपना खुद का स्टार्टअप शुरू करने का फैसला किया। उनका यह फैसला आज एक सफल कहानी बन चुका है। वे फ़ोलियम सेंसिंग प्राइवेट लिमिटेड के को-फाउंडर और सीईओ बन गए। कंपनी की शुरुआत 6 अगस्त 2024 को हुई थी, जिसका हेड ऑफिस चेन्नई में है। एक साल में इसकी वैल्यूएशन 25 करोड़ रुपये पहुंच गई है।
सानिध्य के स्टार्टअप ऑप्टिकल फाइबर सेंसिंग तकनीक पर आधारित है। यह स्टार्टअप विभिन्न उद्योगों के लिए सेंसर-आधारित समाधान प्रदान करता है, खासकर संरचनात्मक निगरानी और सुरक्षा के क्षेत्र में। यह तकनीक पुलों, इमारतों, और अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
दो प्रकार के सेंसर होते हैं, पॉइंट सेंसर और दूसरा डिस्ट्रीब्यूटेड सेंसर। इंटरनेट और कम्युनिकेशन के लिए ऑप्टिकल फाइबर का इस्तेमाल आम है, लेकिन सेंसिंग के लिए इसका इस्तेमाल पहली बार हो रहा है। यह तकनीक 25 साल की रिसर्च का नतीजा है जो IIT मद्रास की लैब्स में प्रोफेसरों के सहयोग से संभव हो पाई। इसमें सानिध्य के पांच पेटेंट भी शामिल हैं।
हाल ही में, सानिध्य के स्टार्टअप को गूगल क्लाउड फ्यूचर एक्स के राष्ट्रीय विजेता के रूप में चुना गया था। यह डीप-टेक स्टार्टअप्स के लिए देश का सबसे बड़ा मंच है, जिसमें 5,500 से अधिक स्टार्टअप्स ने भाग लिया था। उनके इनोवेशन को गूगल मुख्यालय में असाधारण घोषित किया गया और इसे भविष्य की चुनौतियों को हल करने की बेहतर क्षमता वाला प्रोजेक्ट बताया गया।
सानिध्य की सफलता उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है जो अपनी नौकरी छोड़कर कुछ नया करना चाहते हैं। उनकी कहानी यह साबित करती है कि अगर आपके पास एक मजबूत विचार और उसे पूरा करने की लगन है, तो आप न केवल अपने लिए बल्कि देश के लिए भी कुछ बड़ा कर सकते हैं।