उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के लोनी में रामकथा के आयोजन को लेकर निकली कलश यात्रा के दौरान पुलिस एक्शन को लेकर डासना पीठ के पीठाधीश्वर यति नरसिंहानंद गिरी का भडक़ाऊ बयान सामने आया है। उन्होंने विधायक नंदकिशोर गुर्जर की ओर से आयोजित रामकथा की कलश यात्रा के दौरान पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया है। उन्होंने हिंदुओं का अपमान करार देते हुए सीधे तौर पर सीएम योगी आदित्यनाथ को चेतावनी दे दी। उन्होंने घोषणा की कि पुलिस अधिकारी अजय मिश्रा के तबादले तक अन्न-जल ग्रहण नहीं करूंगा। मेरे मन में कल से अपने इतने पवित्र धर्म ग्रंथ का अपमान करने वाले के मुंह पर तमाचे लगाने का मन कर रहा है। उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कर पा रहा। पुलिस, प्रशासन ने हमारी हत्या की साजिश रची है। मेरी सिक्योरिटी कम करवाई गई। सीएम योगी को चेतावनी देते हुए यति नरसिंहानंद ने राष्ट्रपिता महात्मा महात्मा गांधी का अपमान कर दिया। इस मामले में अब गाजियाबाद पुलिस ने उन पर एफआईआर दर्ज की है।
यति नरसिंहानंद ने क्या कहा
यति नरसिंहानंद गिरी ने सीएम योगी से कहा कि आप केवल नेता नहीं, भगवा वेशधारी संत भी हैं। गोरक्षपीठ जैसे महत्वपूर्ण मठ के मठाधीश भी हैं। नंदकिशोर गुर्जर के प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोते हुए वीडियो आने के पर कहा कि नंदकिशोर हिंदुओं का शेर है। कल जब वह रो रहा था, तो यह देखकर मैं परेशान हो गया। मैं पूरी रात सो नहीं पाया। आपकी पुलिस ने जो आघात रामकथा की कलश यात्रा पर किया, वह सनातन धर्म और रामायण पर आघात है। अगर रामायण की जगह यह किसी अन्य धर्म का ग्रंथ होता, तो आपकी पुलिस की इसकी तपिश आप लखनऊ तक महसूस करते।
राष्ट्रपिता पर दिया यह विवादित बयान
यति नरसिंहानंद ने संभल के मुद्दे को नकली करार देते हुए कहा कि एक समय पूरा हिंदू समाज गांधी का दीवाना था, लेकिन आज कोई भी हिंदू…। मैंने अपने जीवन में मैं बहुत सारे मुख्यमंत्री देखे। कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, मुलायम सिंह यादव, बहन मायावती, अखिलेश यादव और आपको भी देख रहा हूं। इस प्रकार रामायण का अपमान किसी अन्य मुख्यमंत्री के समय में नहीं हो सकता था।