भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूती देते हुए अब HAMMER (हैमर) मिसाइल को देश में ही बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। यह मिसाइल भारतीय वायुसेना के राफेल लड़ाकू विमानों का सबसे खतरनाक हथियार माना जाता है। भारत ने इस मिसाइल के निर्माण के लिए फ्रांस के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया है।
भारत और फ्रांस के बीच समझौता
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) ने फ्रांस की रक्षा कंपनी सैफ़्रन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड डिफेंस (Safran Electronics & Defense) के साथ HAMMER मिसाइल के निर्माण के लिए एक टेक्नॉलॉजी ट्रांसफर समझौता (ToT) किया है।
- उत्पादन: यह समझौता HAMMER मिसाइल के उत्पादन और पूर्ण एकीकरण की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे भारत में इसकी उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
- आत्मनिर्भरता: यह कदम ‘आत्मनिर्भर भारत’ और रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण की दिशा में एक बड़ी सफलता है।
HAMMER की सबसे बड़ी खासियत क्या है?
HAMMER (Highly Agile Modular Munition Extended Range) मिसाइल अपनी सटीकता और बहुमुखी प्रतिभा के लिए जानी जाती है, लेकिन इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किसी भी बंकर या कठोर लक्ष्य को एक ही वार में तबाह करने की क्षमता रखती है।
- लंबी दूरी की मारक क्षमता: यह मिसाइल 70 किलोमीटर तक की दूरी से अत्यधिक सटीकता के साथ लक्ष्य को भेद सकती है।
- सभी मौसम में उपयोग: HAMMER की खास बात यह है कि इसे दिन या रात, किसी भी मौसम की स्थिति में दागा जा सकता है। यह मिसाइल GPS, जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली (INS) और इमेजिंग इन्फ्रारेड सेंसर (IIR) सहित कई गाइडेंस सिस्टम से लैस है, जो इसे बेजोड़ सटीकता प्रदान करते हैं।
- कठोर लक्ष्यों को भेदना: यह विशेष रूप से कठोर और संरक्षित लक्ष्यों, जैसे कि बंकरों, भूमिगत कमांड केंद्रों और मजबूत कंक्रीट संरचनाओं को भेदने और नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- मॉड्यूलर डिज़ाइन: इसका मॉड्यूलर डिज़ाइन विभिन्न प्रकार के युद्धक शीर्षों (warheads) के साथ अनुकूलन (adaptability) की अनुमति देता है, जिससे यह विभिन्न मिशनों के लिए उपयुक्त हो जाता है।
भारतीय वायुसेना के लिए महत्व
भारतीय वायुसेना ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा तनाव के दौरान फ्रांस से इन मिसाइलों को प्राप्त किया था।
- राफेल का शक्तिवर्धक: HAMMER मिसाइल को विशेष रूप से राफेल फाइटर जेट्स के लिए डिजाइन किया गया है, जो राफेल की मारक क्षमता को कई गुना बढ़ा देती है।
- दुर्गम क्षेत्रों में मार: यह मिसाइल भारत को पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों में स्थित दुश्मन के ठिकानों और कमांड सेंटरों को ध्वस्त करने की जबरदस्त क्षमता प्रदान करती है।
इस समझौते से भारत न केवल अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा कर सकेगा, बल्कि यह क्षेत्र में एक प्रमुख रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में भी उभरेगा।


