हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। हालात यह हैं कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी सैलरी नहीं लेने का निर्णय लिया है। यह निर्णय मंत्रिमंडल के अन्य सहयोगियों ने भी लिया है। ऐसे में अब सवाल यह है कि राज्य इस संकट से कैसे निकलेगा। हालांकि सीएम ने इस पर सफाई दी है और कहा है कि अगर केंद्र सहायता कर दे तो हम इस स्थिति से बाहर निकल सकते हैं।
सबको मुफ्त नहीं दे सकते
सीएम सुक्खू ने कहा कि हम केवल केंद्र से अपने अधिकार मांग रहे हैं। जब सुधार किए जाते हैं तो इस तरह के फैसलों से थोड़े समय के लिए रुकावट आती है। इसका अर्थ यह नहीं है कि प्रदेश में आर्थिक संकट है। हम व्यवस्थित ढंग से वित्तीय व्यवस्था को ठीक कर रहे हैं। सीएम ने कहा कि हम वित्तीय अनुशासन में रहकर आगे बढऩा चाहते हैं। सैलरी रोकने से हमारा मतलब जागरूक करने से है। जो बिजली का बिल भर सकता है, उसे बिजली बिल मुफ्त क्यों दिया जाए? सीएम ने कहा कि जो पानी का बिल भर सकता है, उसे क्यों मुफ्त पानी दिया जाए। भाजपा सरकार ने जून 2022 में सभी का पानी का बिल माफ कर दिया, लेकिन आप फाइव स्टार होटलों को मुफ्त पानी और सब्सिडी में बिजली दे रहे हैं जो उचित नहीं है।