देश की वित्त मंत्री के पास खजाने की चाबी होती है। लाखों-करोड़ों रुपए का फंड वित्त मंत्री ही जारी करता हैं। वही तय करता हैं कि किस योजना में कितना पैसा देना है, कहां क्या खर्च करना है। अब सोचिए कि अगर वही यह कहे कि उसके पास पैसे नहीं हैं, तो इसे क्या कहा। लेकिन यह 100 फीसदी सच है कि देश वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पास पैसे नहीं हैं। इसका खुलासा उन्होंने तब किया जब उन्हें चुनाव लडऩे के लिए कहा गया। वित्त मंत्री ने भी सोचा-विचारा और फिर जवाब दे दिया कि कि मेरे पास चुनाव लडऩे के लिए उतना पैसा नहीं है, जितना होना चाहिए। ऐसे में पार्टी ने भी उनके निर्णय का सम्मान किया और उन्हें चुनाव लडऩे से छूट दे दी। बहरहाल इसे सादगी और ईमानदारी ही कहेंगे कि निर्मला सीतारमण इतने साल राजनीति में रहने के बाद भी सिर्फ अपनी तनख्वाह और वेतन भत्तों पर आश्रित हैं।
दिया यह जवाब
दरअसल मोदी सरकार में दो बार से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को आंध्र प्रदेश या तमिलनाडु से चुनाव लडऩे के लिए कहा गया था। उन्होंने बताया कि मैंने काफी विचार-विमर्श के बाद जवाब दिया कि मेरे पास चुनाव लडऩे के लिए उस तरह का पैसा नहीं है, जो जीतने के लिए जरूरी है। जब उनसे पूछा गया कि देश की वित्त मंत्री के पास चुनाव लडऩे के लिए फंड क्यों नहीं है, तो उन्होंने कहा कि भारत की संचित निधि उनकी नहीं, बल्कि देश की है। उनके पास वेतन, खुद की कमाई और बचत ही है।
वित्त मंत्री के पास नहीं है कार
वित्त मंत्री ने जो हलफनामा दिया है, उसके मुताबिक उनके पास पति के साथ 1.70 करोड़ का आवास है तो 7 लाख की कृषि भूमि है। एक बजाज चेतक स्कूटर के साथ 18 लाख की ज्वेलरी और बैंक में 35 लाख नकदी है। उनके पास कोई कार नहीं है, जो स्कूटर है, उसकी कीमत 28 हजार है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के पास नहीं है पैसा..! चुनाव लड़ने से खड़े किए हाथ
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